महिला कर्मचारियों के दूर-दराज तबादले गलत : बलराज कुंडू

Remote transfers of women employees wrong Balraj Kundu

महम विधायक ने प्रदेश सरकार से निर्णय पर दोबारा विचार करने की उठाई मांग

  • आईसीडीएस सुपरवाइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने विधायक को सौंपा ज्ञापन
रोहतक (सच कहूँ न्यूज)। महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में ऑनलाइन तबादलों में मनमानी कर राज्य सरकार ने प्रदेश भर की सैकड़ों महिला कर्मचारियों को गहरे संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि किसी सुपरवाइजर का ट्रांसफर दो सौ किलोमीटर तो किसी का तीन सौ किलोमीटर दूर करके सरकार इन महिला कर्मचारियों को जानबूझ कर परेशान कर रही है, जो कतई सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने इस निर्णय पर दोबारा विचार करना चाहिए ताकि महिला कर्मचारियों को राहत नसीब हो सके। यह बात विधायक बलराज कुंडू ने सोमवार को आईसीडीएस सुपरवाइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कही।Remote transfers of women employees wrong Balraj Kundu
विधायक ने आईसीडीएस सुपरवाइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। विधायक बलराज कुंडू से बातचीत करते हुए एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कोरोना संकट की आड़ में करीब 312 सुपरवाइजर्स का तबादला मनमाने ढंग से किया गया है। ऐसे में जबकि प्रदेशभर में आवागमन के लिए हरियाणा रोडवेज की बसें भी ढंग से नहीं चल पा रही तो आखिर अपने घर से साढ़े तीन सौ किलोमीटर दूर कोई महिला आखिर कैसे नौकरी करने जाएगी। ऐसी सम्भावित दिक्कतों के बारे में विभाग को बाकायदा पत्र लिखकर बता दिया था, लेकिन उसके बावजूद सभी कारणों को नजरअंदाज करते हुए सुपरवाइजर्स का तबादला उनके घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर कर दिया गया।
विधायक बलराज कुंडू ने प्रतिनिधिमंडल की सभी जायज मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए महिला सुपरवाइजर्स के सैकड़ों किलोमीटर दूर किये गए तबादले को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ और नारी उत्थान की लंबी चौड़ी बातें करते हैं और दूसरी तरफ इस प्रकार से महिला सुपरवाइजर्स को उनके घरों से दूर नौकरी करने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग में काफी रिक्त पड़े हैं और सरकार को उन्हें भरने के लिए तुरन्त कवायद करनी चाहिए ताकि विभाग का कार्य गुणवत्तापरक हो सके। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह अपने इस फैसले पर पुर्न विचार कर महिला कर्मचारियों को राहत प्रदान करे।

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