वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति से मिली, बजट को मिली औपचारिक मंजूरी

Budget 2023 LIVE

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट वित्त मंत्री (Budget 2023 LIVE) निर्मला सीतारमण आज पेश करेगी। देश का यह बजट ऐसे समय में पेश हो रहा है जब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो रही है।

जनवरी में जीएसटी संग्रह 1,55,922 करोड़ रुपये

 माल एवं सेवाकर कर (जीएसटी) का जनवरी 2023 में सकल राजस्व संग्रह 1,55,922 करोड़ रुपये रहा है जो जनवरी 2022 के जीसटी राजस्व 1,40,986 करोड़ रुपये की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। यह लगातार 11 वां महीना है जब जीएसटी राजस्व संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है और यह दूसरा महीना है जिसमें जीएसटी राजस्व संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

वित्त मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 28,963 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 36,730 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 79,599 करोड़ रुपये जिसमें आयात पर संग्रिहत 37118 करोड़ रुपये का कर भी शामिल है। उपकर 10,630 करोड़ रुपये रहा है जिसमें आयातित वस्तुओं संग्रहित कर 768 करोड़ रुपये भी शामिल है।

मंत्रालय ने बताया कि केंद्र ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी में 38,507 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 32,624 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। जनवरी 2023 में नियमित निपटान के बाद केंद्र और राज्यों का कुल जीएसटी राजस्व क्रमश: सीजीएसटी 67,470 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 69354 करोड़ रुपये रहा।

अगले वित्त वर्ष में विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत तक रहेगी: समीक्षा

अगले वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत तक रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2022-23 पेश किया जिसमें कहा गया है कि विकास अनुमान का आशावादी पक्ष विभिन्न सकारात्मक तथ्यों पर आधारित है, जैसे निजी खपत में मजबूती जिसमें उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, पूंजीगत व्यय की उच्च दर (कैपेक्स), सार्वभौमिक टीकरकरण कवरेज, जिसने संपर्क आधारित सेवाओं – रेस्टोरेंट, होटल, शोपिंगमॉल, सिनेमा आदि – के लिए लोगों को सक्षम किया है, शहरों के निर्माण स्थलों पर प्रवासी श्रमिकों के लौटने से भवन निर्माण सामग्री के जमा होने में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है, कॉरपोरेट जगत के लेखा विवरण पत्रों में मजबूती, पूंजी युक्त सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जो ऋण देने में वृद्धि के लिए तैयार हैं तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उध्यम क्षेत्र के लिए ऋण में बढ़ोतरी।

समीक्षा का अनुमान है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर वित्त वर्ष 2024 के लिए वास्तविक आधार पर 6.5 प्रतिशत रहेगी। इस अनुमान की बहुपक्षीय एजेंसियों जैसे विश्व बैंक, आईएमएफ, एडीबी और घरेलू तौर पर आरबीआई द्वारा किए गए अनुमानों से तुलना की जा सकती है। वित्त वर्ष 2024 में विकास की गति तेज रहेगी क्योंकि कॉरपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र के लेखा विवरण पत्रों के मजबूत होने से ऋण अदायगी और पूंजीगत निवेश के शुरु होने का अनुमान है। आर्थिक विकास को लोक डिजिटल प्लेटफॉर्म के विस्तार तथा ऐतिहासिक उपायों जैसे पीएम गतिशक्ति, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से समर्थन मिलेगा, जो निर्माण उत्पादन को बढ़ावा देंगे।

सात प्रतिशत की दर से वृद्धि

समीक्षा में कहा गया है कि मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत की दर से वृद्धि होगी। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान विकास दर 8.7 प्रतिशत रही थी। कोविड-19 के तीन लहरों तथा रूस-यूक्रेन संघर्ष के बावजूद एवं फेडरल रिजर्व के नेतृत्व में विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं के केन्द्रीय बैंकों द्वारा महंगाई दर में कमी लाने की नीतियों के कारण अमेरिकी डॉलर में मजबूती दर्ज की गई है और आयात करने वाली अर्थव्यवस्थाओं का चालू खाता घाटा (कैड) बढ़ा है। दुनियाभर की एजेंसियों ने भारत को सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था माना है, जिसकी विकास दर वित्त वर्ष 2023 में 6.5 से 7.0 प्रतिशत तक रहेगी।

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