‘आज सच्चाई को अवार्ड मिलना इंसानियत की जिंदा मिसाल’

शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल ने पूज्य गुरु जी को समर्पित किए स्कूल को मिले 28 अवार्ड

बरनावा/सरसा। (सच कहूँ न्यूज) शिक्षा जगत में अग्रणी शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल सरसा ने अपनी प्राप्तियों का श्रेय सच्चे रूहानी रहबर, समाज सुधारक पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को दिया है। स्कूल की प्रिंसीपल डॉ. शीला पूनियां इन्सां ने पिछले पाँच सालों (2017 से 2022 तक) में स्कूल को प्राप्त 28 पुरस्कार मंगलवार को पूज्य गुरु जी को शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा (यूपी) में समर्पित किए। बता दें कि ये पुरस्कार शिक्षा जगत से जुड़े बड़े संस्थानों, संगठनों और पत्रिकाओं द्वारा दिए गए हैं।

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इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने भी प्रधानाचार्या सहित समस्त स्टाफ सदस्यों को अपना पावन आशीर्वाद दिया और उनके कार्यों और पढ़ाने के तौर-तरीकों की सराहना की। साथ ही पूज्य गुरु जी ने ये सभी अवार्ड सच्चे दाता रहबर पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज को समर्पित करते हुए फरमाया कि जिनका यह अवतार महीना चल रहा है, उन्होंने ही यह स्कूल बनाने का ख्याल दिया था। इसलिए ये अवार्ड हम उन्हें ही समर्पित करते हैं। क्योंकि स्कूल ने यह अवार्ड हमें दिए हैं और हम अपने एमएसजी दाता रहबर शाह सतनाम, शाह मस्तान जी को समर्पित करते हैं। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल को अवार्ड देने वाले संस्थानों की सराहना करते हुए फरमाया कि जिन्होंने भी स्कूल को ये अवार्ड दिए है, वो वास्तव में इंसानियत की जिंदा मिसाल हैं। क्योंकि आज के समय में अच्छाई और नेकी को अवार्ड करना ये अपने आप में दिल गुर्दे की बात है। जिन्होंने भी ये अवार्ड दिए हैं हम उन सबको आशीर्वाद देते हैं। क्योंकि उन्होंने उस सच को पहचान के उसको अवार्डिड किया है।

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि पुराने समय में हम बहुत कथा कहानियां सुनीं हैं कि जो अच्छा कर्म करता था उसे गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया जाता था, लेकिन आज के समय में जो इतने बड़े-बड़े काम सच्चे करते हैं उन्हें कोई अवार्ड नहीं देता, लेकिन जो इन्हें (स्कूल) अवार्ड दे रहा है वो बेमिसाल है। उन सभी को साधुवाद कहते हैं और भगवान उन्हें खुशियां जरूर दें। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमने लड़कियों के स्कूल की स्थापना किसी बिजनेस व्यापार के लिए नहीं की। इसके पीछे हमारा एक ही मकसद था कि लोग गाँवों में उस समय अपनी बेटियों को पढ़ाते नहीं थे और बेटी को घर के काम-धंधे में लगा देते थे, जिसका हमें बहुत दर्द होता था कि हमारे बेटियां पढ़ नहीं पाती थी। फिर 1994 में सरसा में शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल की स्थापना की। लड़कियों का स्कूल अपने आप में बेमिसाल है। पूज्य गुरु जी ने बताया कि एक बार गर्ल्स स्कूल कॉलेज में निरीक्षण के लिए उच्च अधिकारी पहुंचे थे जो यहां की लड़कियों के उच्च संस्कारों को देखकर हैरान रह गए थे। जब लड़कियों ने उनके पांव छूए तो उनकी आँखों से आंसू निकल आए और बोले शायद हम किसी और दुनिया में आ गए हैं।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इन शिक्षण संस्थानों में पढ़कर बच्चे आज कोई इंजीनियर तो कोई डॉक्टर तो कोई बड़े प्रशासनिक पदों पर बैठा है। सभी ने बहुत ज्यादा तरक्की की है। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि स्कूल-कॉलेज खोलने के समय हमने जो सोच रखी थी उस पर सभी खरें उतर रहे हैं। स्कूल में लड़कियों का कैरेक्टर अच्छा बनाया जाता है। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि हम चाहते हैं सभी ऐसे (शाह सतनाम जी शिक्षण्9ा संस्थान) ही स्कूल खोले और उनसे जुड़े। इन स्कूलों में इंसानियत का स्पेशल पाढ़ पढ़ाया जाता है। साथ ही इन संस्थानों में आकर नकल चेक करने वाली टीमें कहती थी कि ये शाह सतनाम जी गर्ल्स और बॉयज स्कूल वाले हैं, ये नकल नहीं करते। क्योंकि गुरु जी ने इनको वचन कर रखे हैं। नकल करोगे तो अक्ल नहीं बढ़ेगी और अगर अकल से करोगे तो अक्ल और ज्यादा बढ़ेगी। इसके अलावा पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमारे पवित्र वेद-ग्रंथ में छोटी बेटियों को माँ का दर्जा दिया हुआ है। क्योंकि वह अपने पिता की केयर करती रहती है।

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि पुराने समय में हम बहुत कथा कहानियां सुनीं हैं कि जो अच्छा कर्म करता था उसे गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया जाता था, लेकिन आज के समय में जो इतने बड़े-बड़े काम सच्चे करते हैं उन्हें कोई अवार्ड नहीं देता, लेकिन जो इन्हें (स्कूल) अवार्ड दे रहा है वो बेमिसाल है। उन सभी को साधुवाद कहते हैं और भगवान उन्हें खुशियां जरूर दें। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमने लड़कियों के स्कूल की स्थापना किसी बिजनेस व्यापार के लिए नहीं की। इसके पीछे हमारा एक ही मकसद था कि लोग गाँवों में उस समय अपनी बेटियों को पढ़ाते नहीं थे और बेटी को घर के काम-धंधे में लगा देते थे, जिसका हमें बहुत दर्द होता था कि हमारे बेटियां पढ़ नहीं पाती थी। फिर 1994 में सरसा में शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल की स्थापना की। लड़कियों का स्कूल अपने आप में बेमिसाल है। पूज्य गुरु जी ने बताया कि एक बार गर्ल्स स्कूल कॉलेज में निरीक्षण के लिए उच्च अधिकारी पहुंचे थे जो यहां की लड़कियों के उच्च संस्कारों को देखकर हैरान रह गए थे। जब लड़कियों ने उनके पांव छूए तो उनकी आँखों से आंसू निकल आए और बोले शायद हम किसी और दुनिया में आ गए हैं।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इन शिक्षण संस्थानों में पढ़कर बच्चे आज कोई इंजीनियर तो कोई डॉक्टर तो कोई बड़े प्रशासनिक पदों पर बैठा है। सभी ने बहुत ज्यादा तरक्की की है। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि स्कूल-कॉलेज खोलने के समय हमने जो सोच रखी थी उस पर सभी खरें उतर रहे हैं। स्कूल में लड़कियों का कैरेक्टर अच्छा बनाया जाता है। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि हम चाहते हैं सभी ऐसे (शाह सतनाम जी शिक्षण्9ा संस्थान) ही स्कूल खोले और उनसे जुड़े। इन स्कूलों में इंसानियत का स्पेशल पाढ़ पढ़ाया जाता है। साथ ही इन संस्थानों में आकर नकल चेक करने वाली टीमें कहती थी कि ये शाह सतनाम जी गर्ल्स और बॉयज स्कूल वाले हैं, ये नकल नहीं करते। क्योंकि गुरु जी ने इनको वचन कर रखे हैं। नकल करोगे तो अक्ल नहीं बढ़ेगी और अगर अकल से करोगे तो अक्ल और ज्यादा बढ़ेगी। इसके अलावा पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमारे पवित्र वेद-ग्रंथ में छोटी बेटियों को माँ का दर्जा दिया हुआ है। क्योंकि वह अपने पिता की केयर करती रहती है।

मुख्य अवॉर्ड्स

  • टॉप स्कूल प्रिंसीपल अवॉर्ड – हरजोत बैंस, शिक्षा मंत्री पंजाब
  • सिंघानिया एक्सीलेंस अवॉर्ड- सिंघानिया गु्रप
  • इंडिया स्कूल मैरिट अवॉर्ड- ऐजूकेशन वर्ल्ड मैग्जीन
  • नॉर्थ स्कूल मैरिट अवॉर्ड- ऐजूकेशन टूडे, मैग्जीन
  • शाइनिंग स्टॉर ऑफ एशिया अवॉर्ड- अंबेसेडर डॉ वी.बी. सोनी
  • आउटस्टैंडिंग कांट्रीब्यूशन इन ऐजुकेशन- चौधरी रणजीत सिंह, कैबिनेट मंत्री, हरियाणा
  • प्राइड ऑफ इंडियन ऐजूकेशन अवॉर्ड- दीया मिर्जा, अभिनेत्री एवं मिस एशिया पैसेफिक
  • मोस्ट प्रोमिसिंग सीबीएसई स्कूल इन हरियाणा- चेतन चौहान, मंत्री, उत्तर प्रदेश

स्कूलों में मिलती है गुरुकुल जैसी शिक्षा: पूज्य गुरु जी

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में गुरुकुल जैसी शिक्षा दी जाती है। बच्चे नशा नहीं करते, होस्टल में रहने वाले बच्चे टीवी नहीं देखते और ना ही अपने पास कोई फोन आदि रखते है। स्कूलों में बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ प्रतिस्पर्धा की तैयारी भी करवाई जाती है। खेलों में भी विभिन्न खेलों में एशिया कप व वर्ल्ड कप सहित गोल्ड मेडल जीते हुए है। इसके अलावा संस्थान में 85 इंटरनेशनल और 800 नेशनल प्लेयर है। साथ में संस्थान के पांच खिलाड़ियों को भीम अवार्ड भी मिल चुका है, जोकि बेमिसाल बात है।

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