Eyesight Improvement Tips: चश्मे को आंखों से हमेशा के लिए दूर रखने का बेहतरीन तरीका

Eyesight Improvement Tips
Eyesight Improvement Tips: चश्मे को आंखों से हमेशा के लिए दूर रखने का बेहतरीन तरीका

Eyesight Improvement Tips: यह बात सभी जानते है कि आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, यह वो खास अंग है जिसके बगैर जिंदगी अधूरी होती है। वहीं जैसे शरीर के दूसरे हिस्सों में कई तरह की बीमारियां होती हैं, वैसे ही हमारी आंखों में भी कई तरह की बीमारियां होती हैं, जिनका इलाज कर उन्हें दूर किया जा सकता है। दरअसल आंखों की दृष्टि का कमजोर होना यानी कम दिखाई देना आंखों में होने वाली सबसे सामान्य समस्या है। इस समस्या से पीड़ित होने की स्थिति में डॉक्टर चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग करने लगते हैं। वहीं कुछ लोगों को चश्मे या लैंस का इस्तेमाल करना पसंद होता है, लेकिन काफी लोगों को इसका इस्तेमाल करना बिल्कुल पसंद नहीं होता है, इसलिए वे दूसरे विकल्प कि तरफ ध्यान देते हैं जो एकमात्र सर्जरी ही इसका उपाय है। सर्जरी की मदद से ही चश्मे को हमेशा हमेशा के लिए आंखों से दूर किया जा सकता है। Eyesight Improvement Tips

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दरअसल मेडिकल क्षेत्र में उन्नति होने के कारण आज जिस तकनीक से आंखों की सर्जरी की जाती है वो अब और भी ज्यादा उन्नत हो गई है। लेसिक सर्जरी भी इन्हीं में से एक है, जिसकी मदद से आप बिना किसी तरह के जोखिम का सामना किए दृष्टि से संबंधित समस्याओं से बहुत ही आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। आमतौर पर कुछ स्थितियों में डॉक्टर आपको चश्मा निर्धारित करतें हैं, जिसमें मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया और एसृटिग्मेटिज्म शामिल है।

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Eyesight Improvement Tips: चश्मे को आंखों से हमेशा के लिए दूर रखने का बेहतरीन तरीका

मायोपिया: मायोपिया से पीड़ित होने पर किसी भी वस्तु का प्रतिबिंब आपके रेटिना के आगे बनता है, जिसके कारण आपको दूर की चीजों को देखने में परेशानी होने लगती है। इस परेशानी को ठीक करने के लिए डॉक्टर माइनस यानी कॉनकेव लेंस को निर्धारित करते हैं।

हाइपरमेट्रोपिया: हाइपरमेट्रोपिया से पीड़ित होने की स्थिति में किसी भी वस्तु का प्रतिबिंब आपके रेटिना के पीछे बनता है, जिसकी वजह से आपको पास की चीजों को देखने में परेशानी होने लगती है। इस समस्या का इलाज करने के लिए डॉक्टर हमेशा पल्स यानी कॉन्वेक्स लेंस निर्धारित करते हैं।

एसृटिग्मेटिज्म: अगर आप एसृटिग्मेटिज्म से पीड़ित हो, तो इस स्थिति में रोशनी की किरणें आपकी आंखों के परदे पर अलग-अलग जगह केंद्रित होती है। जिसके कारण आपको पास या दूर दोनों ही जगह की चीजों को देखने में परेशानी होती है तथा आपको चीजें साफ साफ दिखाई नहीं देती है। दरअसल ऊपर बताई गई तीनों समस्याओं का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपकी जरूरत के मुताबिक लेंस वाले चश्मे का इस्तेमाल करने का सुझाव देता है।

लेकिन सर्जरी की मदद से इन तीनों समस्याओं को हमेशा हमेशा के लिए जड़ से खत्म किया जा सकता है और चश्मे से भी छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन सर्जरी के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ कॉर्निया को बिल्कुल ही बदल देते हैं। दृष्टि दोष में आपको जिस तरह के कॉन्टेक्ट लेंस की आवश्यकता होती है, कॉर्निया बिल्कुल उसी तरह से काम करने लगते हैं। इससे किसी भी वस्तु का प्रतिबिंब सीधा रेटिना पर बनता है, इसके बाद आपको बिना चश्मा लगाए ही पास और दूर दोनों ही जगह की चीजें बिल्कुल साफ साफ दिखाई देगी।

कैसे की जाती है लेसिक सर्जरी?

लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले सर्जन आपकी आंखों की जांच करते हैं तथा जरूरत पड़ने पर कुछ दूसरी जांच भी करते हैं, सभी चीजों की पुष्टि करने के बाद ही सर्जरी की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है। लेसिक सर्जरी 1 दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है सर्जरी खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही आपको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग 10 से 15 मिनट का समय लगता है सर्जरी शुरू करने से पहले सर्जन आपकी आंखों में एनास्थेटिक आई ड्रॉप डालते हैं जिससे आपकी आंख सुन्न हो जाती है। इसके बाद आपको कमर के बल लेटाकर आंख पर पड़ रही टिमटिमाती लाइट को लगातार देखते रहने को कहा जाता है।

सर्जन माइक्रोकिरेटोम की मदद से आंख के कॉर्निया पर चीरा लगाकर आपके आंख की झिल्ली को ऊपर की तरफ उठा देते हैं, इसके बाद भी झिल्ली का एक हिस्सा आपकी आंख से जुड़ा होता है। अब सर्जन पहले से ही तैयार एक कंप्यूटर प्रोग्राम के द्वारा इस दिल्ली के नीचे लेजर बीम डालते हैं, लेजर बीम को कितनी देर तक अंदर रखना है। जांच के दौरान ही सर्जन इस बात का पता लगा लेते हैं। इसी दौरान सर्जन कॉर्निया में मौजूद लेयर को बाहर निकाल कर कॉर्निया को एक नया आकार दे देते हैं। जिसके बाद लेसिक सर्जरी खत्म होने के बाद डॉक्टर आपको वेटिंग रूम में ले जाते हैं जहां आप कुछ घंटों तक आराम करते हैं।

लेसिक सर्जरी के दौरान आपको जरा भी दर्द या दूसरी किसी भी प्रकार कि परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इस सर्जरी के बाद आपको टांके या पट्टी की भी जरूरत नहीं होती है कुछ मरीज लेसिक सर्जरी खत्म होने के बाद साफ और तेज दृष्टि का अनुभव करते हैं, लेकिन कुछ मरीजों को तेज दृष्टि पाने में कुछ दिनों का समय लग जाता है। सर्जरी के बाद लगभग आपको 2 से 3 दिनों तक आराम करने की आवश्यकता होती है और फिर उसके बाद आप अपने दैनिक जीवन के कामों को शुरू कर सकते हैं। सर्जरी के बाद आपको कुछ हफ्तों तक स्विमिंग और मेकअप आदि से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह लेसिक सर्जरी के रिजल्ट और आपके रिकवरी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि लेसिक सर्जरी की सफलता पर दूसरी सर्जरी की तुलना में बहुत बेहतर है। इस सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान या बाद में मरीजों को कम से कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दरअसल बहुत ही कम ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें लेसिक सर्जरी के बाद भी चश्मे की आवश्यकता होती है। लेसिक सर्जरी के दौरान कॉर्निया में जो बदलाव किया जाता है वह स्थाई होता है, इसलिए चश्मे का नंबर बढ़ने या चश्मा लगाने के बाद भी कोई दिक्कत या परेशानी नहीं होती है। लेकिन अगर दूसरी स्थितियों जैसे डायबिटीज या उम्र बढ़ने के कारण चश्मा लगता है तो शायद आपको परेशानी हो सकती है।