आंदोलन में शख्स को जिंदा जलाने का मामला: झज्जर पुलिस अधीक्षक से मिले किसान, निष्पक्ष जांच की मांग

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कहा : मृतक व आरोपियों की दूर-दूर तक नहीं थी कोई जान-पहचान

झज्जर (सच कहूँ न्यूज)। तीन रोज पूर्व बहादुरगढ़ शहर से कुछ ही दूरी पर चल रहे किसान आंदोलन में गांव कसार के एक व्यक्ति को जिंदा जलाने के मामले में शनिवार को किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल झज्जर पहुंचा और एसपी से मुलाकात कर किसानों का पक्ष रखा। करीब एक घंटे तक हुई मुलाकात के दौरान किसान नेताओं ने एसपी से मामले की सच्चाई का पता लगाने की मांग रखी। किसान नेताओं ने कहा कि कसार गांव के मुकेश नामक जिस व्यक्ति को किसान आंदोलन के टैंट में ही तेल छिड़कर आग लगाने का आरोप है, वास्तविकता में वह सच्चाई से परे है और किसान चाहते हैं कि सच्चाई आम लोगों के सामने आनी चाहिए।

किसान नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन में शामिल जिन लोगों पर मुकेश को जिंदा लगाने का आरोप लगा है, सच्चाई तो यह है कि उनकी व मृतक की हादसे से पहले कोई जान-पहचान ही नहीं थी। जबकि घटना आंदोलन स्थल के कुछ ही दूरी पर हुई है। इसके लिए बकायदा थोड़ी ही दूरी पर स्थित पैट्रोल पम्प से पेट्रोल खरीदा गया है और बाद में ही यह हादसा हुआ है। इसलिए पुलिस को सच्चाई का पता लगाने के लिए पेट्रोल पम्प पर लगे सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में लेने चाहिए। ताकि पता चल सके कि पेट्रोल किस द्वारा खरीदा गया, कितने में खरीदा और पेट्रोल पम्प वाले कारिंदों ने शीशी में पेट्रोल आखिर क्यों दिया।

उससे ही सच्चाई सामने आ पाएगी। किसान नेताओं ने एसपी के सामने यह पक्ष भी रखा है कि जब तक मामले की सच्चाई सामने नहीं आ जाती, तब तक मामले में कोई गिरफ्तारी न की जाए। मीडिया के रूबरू होकर किसान नेताओं ने बताया कि उन्हें एसपी ने मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए एसआईटी का गठित करने की बात कही है और मामले में सच्चाई का पता लगाने का आश्वासन दिया है।

क्या कहते हैं एसपी

एसपी राजेश दुग्गल ने बताया कि बहादुरगढ़ के कसार गांव के मुकेश नामक व्यक्ति की तेल छिड़क कर आग लगा जिंदा जला देने के मामले में किसान नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिलने आया था। मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। लेकिन मौके से मिले सबूत व मरने से पहले मुकेश के आए डाईन डिक्लेरेशन के आधार पर ही पुलिस ने मामले में धारा-302 लगाई है। किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी और दोषी का बख्शा नहीं जाएगा।

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