टाइगर रिजर्व में बाघिन को लंगडाते हुए देख बढ़ी वन विभाग की चिंता

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तीन बार में सात शावकों को दे चुकी है जन्म, वन विभाग की मॉनिटरिंग टीम करेगी उपचार

भरतपुर (सच कहूँ ब्यूरो)। राजस्थान में सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में जोन नम्बर 8 के फलौदी रेंज बलास वन क्षेत्र (forest department ) में एक उम्रदराज बाघिन को लंगडाते हुए देखे जाने के बाद वन विभाग की चिंता बढ़ जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। सूत्रों के अनुसार रविवार को पर्यटकों की तरफ से वन विभाग को बाघिन टी-8 लाड़ली के लगंडाते (Tiger leg Injury) हुए जंगल में घूमने की दी गई।

सूचना के बाद रेंजर राजबहादुर मीणा के साथ रणथम्भौर की वेटरनरी डॉक्टर्स की टीम ने मौके पर पहुंच कर बाघिन की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। बाघिन टी-8 की उम्र करीब 14 से 15 साल के बीच बताई गई है। बताया गया कि आज सुबह की पारी में रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के जोन नम्बर 8 में पर्यटकों ने बाघिन लाड़ली को बलास वन क्षेत्र में देखा।

इस दौरान बाघिन आगे के पैर से लंगडाती हुई दिखाई दी। बाघिन अपने अगले पैर का पंजा जमीन में नहीं रख पा रही थी। बाघिन ने तीन बार में अब तक सात शावकों को जन्म दिया है। इस मामले को लेकर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व प्रथम के डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि बाघिन आगे के पैर से लंगडा रही है। मॉनिटरिंग कर रही वन विभाग की वेटरनरी टीम द्वारा बाघिन का उपचार किया जाएगा।

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