…तब पूरे ग्लोब के 15 चक्कर लगाने के बराबर देश में बनाई गई सड़कें

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वर्ष 2000 से 2009 के बीच चला था प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रथम चरण (PM-Gram-Sadak-Yojana)

सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने देश के सुदूर इलाकों को भी जोड़कर वहां तक सुविधाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना से आज देश में सड़कों का जाल बिछ चुका है। इस योजना के पहले चरण की बात करें तो वर्ष 2000 से 2009 के बीच इस पर काम हुआ। जिसमें पूरे देश में 6 लाख 45 हजार 644 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया। जिसमें से 6 लाख 07 हजार 869 किलोमीटर की सड़कें बनाई भी गई। यह दूरी पूरे ग्लोब के 15 चक्कर लगाने जितनी है।

देश भर में रखा 6,45,644 किलोमीटर लंबी सड़कें निर्माण का लक्ष्य, बनी 607869 किमी.

इस पहले चरण में हरियाणा प्रदेश में 1394.43 करोड़ रुपये खर्च करके 426 सड़कें बनाई गई। जिनकी कुल लंबाई 4500 किलोमीटर की थी। प्रथम चरण में गांवों को जोड़ने के लिए नई सड़कें बनाने पर फोकस था। हरियाणा को इस योजना के तहत मिली सड़कों का निर्माण तय समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया गया। इस लिहाज से हरियाणा योजना के क्रियान्वयन में अग्रणी रहा। इसी प्रकार, योजना का दूसरा चरण वर्ष 2014 से 2018 तक की अवधि में चलाया गया, जिसमें देश में 50 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कों को अपग्रेड करने का लक्ष्य रखा गया। इसमें से 44340 किलोमीटर की सड़कें अपग्रेड भी की गई।

दूसरे चरण में हरियाणा में बनी 1016 किमी. सड़कें

दूसरे चरण में हरियाणा में 747.28 करोड़ रुपये खर्च करके 83 सड़कों को अपग्रेड किया गया था। जिनकी कुल लंबाई लगभग 990 किलोमीटर थी। इस चरण में सड़कों पर 18 पुल भी बनाए गए, जिन पर लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत आई। दूसरे चरण में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 52.5 किलोमीटर लंबाई की 5 सड़कें और मंजूर की जिन पर 26.60 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। इस प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दूसरे चरण में हरियाणा प्रदेश में 807.74 करोड़ रुपये की राशि खर्च करके 1016 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया।

योजना का तीसरा चरण 2024 तक चलेगा

यहां आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे नेशनल क्वालिटी मोनिटर आर.के. कंसल के मुताबिक वर्तमान में योजना का तीसरा चरण चल रहा है, जो वर्ष 2019 से शुरू हुआ था। यह 2024 तक चलेगा। इस तीसरे चरण के पहले बैच में हरियाणा प्रदेश में लगभग 690 किलोमीटर लंबाई की 83 सड़कों पर काम चल रहा है, जिन पर लगभग 384 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस लागत में लगभग 230 करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी और बाकी की राशि राज्य सरकार को वहन करनी होगी।

आरके कंसल का कहना है कि इस तीसरे चरण के दूसरे बैच में लगभग 1217 किलोमीटर लंबाई की 120 सड़के मंजूर की गई हैं, जिन पर लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अब तक योजना के तीसरे चरण में हरियाणा प्रदेश में मंजूर की गई 1906 किलोमीटर लंबाई की सड़कों में से 650 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। योजना के तीसरे चरण के बैच तीन की प्रक्रिया भी चल रही है, जिसके अंतर्गत 605 किलोमीटर लंबाई की 58 सड़कों का प्रस्ताव ग्रामीण विकास मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा गया है। यह मंजूरी 30 सिंतबर 2021 तक मिलने की उम्मीद है।

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