जनकल्याणकारी योजनाओं के लक्ष्य आगामी बैठक तक पूरे हों: कलक्टर

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। जिला कलक्टर श्रीमती रूक्मणि रियार सिहाग ने कहा कि बैंकों का सरोकार जरूरतमंद की मदद करना है, इसी भावना के अनुरूप सामान्य व गरीब परिवारों के आवेदन पत्रों का निस्तारण संवेदनशीलता के साथ कर उन्हें आर्थिक मदद प्रदान करे। छोटे-छोटे ऋणों से गरीब व्यक्ति या स्वयं सहायता समूहों को बड़ा लाभ पंहुचता है। उन्होंने कहा कि किसी आवेदन पत्रा में कोई छोटी-छोटी कमियां है, तो ऐसे आवेदन पत्रों को निरस्त न करते हुए कमियों को दूर करवाकर लाभान्वित करे।

जिला कलक्टर ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में जिला स्तरीय बैंक सलाहाकार समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले में ऐसे नागरिक जिनका बैंकों में खाता नहीं है, उन्हें बैंकों से जोड़ा जाये। जिला कलक्टर ने कहा कि पोप योजना, प्रधानमंत्राी मुद्रा योजना के अलावा जितनी भी स्वरोजगार की योजनाएं है, उनमें लक्ष्यों से आगे बढ़कर नागरिकों को लाभान्वित करना है। उन्होंने कहा कि कृषि से संबंधित ओद्यौगिक ईकाइयों को, कृषि प्रसंस्करण ईकाइयों को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ-साथ डेयरी तथा कृषि से जुड़ी गतिविधियों के व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

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स्वयं सहायता समूहों की क्षमता को पहचाने : जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में बहुत सारे स्वयं सहायता समूह अच्छा कार्य कर रहे है। कई समूह अपने उत्पाद का विक्रय कर आमदनी भी कर रहे है। बैंकर्स को स्वयं सहायता समूहों की क्षमता को पहचान कर उनकी आर्थिक मदद करनी होगी। ऐसी हुनरमंद महिलाओं को बैंकों द्वारा अवसर दिया जाना चाहिए, जिससे वे अपने स्वरोजगार को आगे बढ़ा सके। जिला कलक्टर ने कहा कि कई समूह बहुत अच्छा कार्य कर रहे है, जबकि कई अच्छा करने का प्रयास कर रहे है, उन्हें प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जिससे वे अपने उत्पाद में निखार ला सके।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक चन्द्रेश कुमार शर्मा ने कहा कि किसानों की आमदनी दौगुनी करने लिये बैंकर्स को हर संभव प्रयास करने चाहिए। डेयरी उद्यमिता एवं विकास योजना, किसान क्रेडिट ऋण एवं वार्षिक साख योजना की प्रगति पर चर्चा की गई। पशुपालकों को केसीसी के अलावा कमजोर वर्ग को सोसायटी के माध्यम से लाभान्वित करने तथा एसएचजी की प्रगति पर चर्चा हुई।

बैठक में प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना, पशुपालन के लिये केसीसी, मत्स्य पालन, कृषि प्रसंस्करण, मुख्यमंत्राी लघु उधोग प्रोत्साहन योजना, खादी बोर्ड, ग्रामीण व शहरी पोप, मुख्यमंत्राी विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना इत्यादि बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में जानकारी दी गई कि प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रा में 3572.98 करोड़ वार्षिक लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि 136.79 प्रतिशत है। कृषि ऋण 2600.94 करोड़ वार्षिक लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 126.22 प्रतिशत उपलब्धि रही है। कृषि ऋण में 3282.84 करोड़ का ऋण वितरण किया गया। बैंकों का सीडी रेशो 130.69 प्रतिशत रहा।

बैठक में आरबीआई के अग्रणी जिला अधिकाकरी ओ.पी. कविया पंजाब नेशनल बैंक के मंडल प्रमुख राजेन्द्र मोहन शर्मा, उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक हरीश मित्तल, अग्रणी जिला प्रबंधक विनोद कुमार चंदेल, उपनिदेशक कृषि जी.आर.मटोरिया, राजीविका के जिला समन्वयक चन्द्रशेखर सहित विभिन्न बैंकों के अधिकारियों ने भाग लिया।

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