लखनऊ (एजेंसी)। विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नीति 2021-30 का ऐलान कर दिया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी विकास की राह में बाधा हो सकती है। पिछले 4 दशकों में इसे लेकर काफी चर्चा हुई है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक मसौदा उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर पहले अपलोट किया जा चुका है और लोगों से 19 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं। यदि अधिनियमित हो जाता है तो यह प्रस्तावित कानून गजट प्रकाशित होने के एक साल बाद लागू हो जाएगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की आबादी 220 मिलियन है।
नौकरी में मिलेगा प्रमोशन
उत्तर प्रदेश सरकार उन कर्मचारियों को पदोन्नति (प्रमोशन), वेतन वृद्धि (इनक्रीमेंट), आवास योजनाओं में रियायतें और अन्य भत्ते देगी जो जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का पालन करेंगे या जिनके दो या उससे कम बच्चे हैं। दो संतानों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता अंशदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि मिलेगी।
20 साल तक फ्री मिलेंगी चिकित्सा सुविधा
जो लोग सरकारी कर्मचारी नहीं हैं और जनसंख्या को नियंत्रित करने में योगदान देते हैं, उन्हें पानी, आवास, गृह ऋण आदि करों में छूट जैसे लाभ मिलेंगे। यदि किसी बच्चे के माता-पिता या कोई एक नसबंदी का विकल्प चुनता है तो उन्हें 20 साल की उम्र तक मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
क्या है यह मसौदा
नवीन नीति में एक अहम प्रस्ताव 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है। प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है।
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