हरियाणा में अब तक सिर्फ 87 महिलाएं ही पहुंची पाई विधानसभा

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देश व प्रदेश चलाने में महिलाओं को 33% आरक्षण की राह पर बढ़ा देश

कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। लोकसभा में पेश 128वें संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक के मुताबिक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। हालांकि यह आरक्षण परिसीमन के बाद लागू होगा। ये परिसीमन इस विधेयक के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। ऐसा माना जा रहा है कि महिलाओं को यह आरक्षण 2024 के चुनाव में नहीं मिलेगा। 1966 में पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा विधानसभा में 1967 से लेकर 2019 तक 13 सामान्य चुनावों में अब तक 87 महिलाएं विधानसभा की सदस्य बनने में सफल रहीं हैं। Women Reservation

इनमे कई महिलाएं एक से अधिक बार भी विधायक बनी हैं। ऐसे में 33 प्रतिशत आरक्षण लागू होने के बाद हरियाणा विधानसभा में तकरीबन 30 महिलाएं पहुंचेगी। इससे पूर्व हरियाणा के पंचायती चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। लेकिन ज्यादातर ग्रामों में आज भी सरपंच की बजाय सरपंच पति या सरपंच पिता को ज्यादा वरियता दी जा रही है। ऐसे में विधानसभा पहुंचने के बाद सभी महिलाएं अपने हलकों में स्वयं काम करेंगी, ये देखने वाली बात होगी। Women Reservation

हरियाणा के इतिहास में आजाद चुनाव जीतकर सिर्फ दो महिला पहुंची विधानसभा

हरियाणा के प्रत्येक चुनाव में कई कई आजाद उम्मीदवार विधायक बनते रहे हैं लेकिन अब तक हरियाणा में हुए 13 आम चुनाव में से सिर्फ दो ही ऐसे मौके आए जब आजाद विधायक के रूप में महिलाएं विधानसभा में पहुंचने में सफल रहीं। 1982 में बल्लभगढ़ सीट से शारदा रानी आजाद विधायक चुनी गर्इं थीं। इससे पहले शारदा इसी सीट से कई बार कांग्रेस की विधायक चुनी जा चुकी थीं। शारदा रानी के बाद हरियाणा के अब तक के राजनीतिक इतिहास में माधवी ही दूसरी ऐसी महिला रही है जिन्होंने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता है। माधवी कीर्ति प्रसिद्ध राजनेता बाबू जगजीवन राम की पौत्री थीं। 1987 के चुनाव में लोकदल की लहर के बावजूद वे मांगेराम को लगभग 13 हजार मतों के अंतर से पराजित किया। Women Reservation

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