जरूरतमंदों की सहायता कर शरीर दानी व नेत्रदानी सुषमा इन्सां को दी श्रद्धांजलि

सुषमा इन्सां के नमित नामचर्चा का आयोजन

चंडीगढ़ (एम के शायना)। बुधवार को डेरा सच्चा सौदा की अनथक सेवादार सचखंडवासी शरीरदानी व नेत्रदानी सुषमा इन्सां पत्नी भंगीदास शीशपाल इन्सां के नमित श्रद्धांजलि नामचर्चा का आयोजन किया गया। इस मौके पर सुषमा इन्सां के परिवार की ओर से 2 जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरित किया गया तथा जिम्मेवार 45 मेंबर और ब्लॉक चंडीगढ़ के जिम्मेवारों की ओर से परिवार के सदस्यों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। अंतिम अरदास मौके पर ब्लॉक चंडीगढ़ व आस पास से बड़ी तादाद में साध-संगत के अलावा रिश्तेदारों ने नामचर्चा में उपस्थित हो शरीरदानी को श्रद्धा के फूल भेंट किए। वहीं नामचर्चा की शुरूआत भंगीदास मलराज इन्सां ने इलाही नारा ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ लगाकर की, तत्पश्चात कविराज भाइयों ने दरबार के ग्रंथों में से देहदानी को शब्दों के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

वहीं नामचर्चा में ब्लॉक भंगीदास मलराज इन्सां ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि बहन सुषमा इन्सां खुद तो मानवता भलाई कार्यो में हमेशा आगे रहते ही थी, बल्कि दूसरों को भी भलाई कार्य व सेवा के लिए प्रेरित करती रहती थीं। बहन सुषमा इन्सां की अंतिम इच्छा थी कि उसके शरीर को जलाने की वजाय मेडिकल कॉलेज को रिसर्च के लिए दान दे दिया जाए। उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए उनके परिवारजनों ने सुषमा इन्सां के शरीर को के डी मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर मथूरा (उत्तर प्रदेश) में रिसर्च के लिए दान दिया गया था और इसके लिए मथुरा हॉस्पिटल से परिवार के लिए सम्मानित पत्र भी भेजा गया। शरीर दान के साथ-साथ उनकी आंखें पीजीआई चंडीगढ़ हस्पताल में दान की गई थी।

डेरा श्रद्धालु हमेशा से मानवता की सेवा में आगे रहे हैं: आशीत परिहार

नामचर्चा में विशेष रूप से पहुंचे आई बैंक पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. आशीत परिहार ने सुषमा इन्सां को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि डेरा श्रद्धालु हमेशा से मानवता की सेवा में आगे रहे हैं ,सुषमा इन्सां द्वारा किए गए नेत्रदान आज दो लोगों को लग चुके है, जिससे उनकी अंधेरी जिंदगियां फिर से रोशन हो चुकी है। उन्होनें आगे कहा कि भगवान का दर्जा सबसे उपर है और उसके बाद डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन आज जो सुषमा इन्सां ने दो अंधेरी जिंदगियों को रोशनी दी है वह कहने सुनने से परे है। धन्य हैं आपके गुरु जिन्होंने ऐसी शिक्षा दी और धन्य है आप लोग जो उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए मानवता की सेवा में लगे हुए हैं।

इसके बाद साध-संगत ने बड़ी तन्मयता से पूज्य गुरु जी के पावन वचनों को श्रवण किया और उन पर अमल करने का भी प्रण लिया। तत्पश्चात साध-संगत ने 10 मिनट का सुमिरन करते हुए सुषमा इन्सां के निमित्त नामचर्चा में सुमिरन किया और कुल मालिक के चरणो में ध्यान देते हुए बहन की रूह को अपने चरणों में स्थान देने की अरदास की। नामचर्चा में भंगी दास शीशपाल इंसा के परिवार रिश्तेदारों सहित अन्य जिम्मेवार व बड़ी तादाद में साध-संगत ने शिरकत की।

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