संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल, लोकतंत्र की हत्या करने जैसा: राकेश टिकैत

भाकियू ने की संयुक्त किसान मोर्चा के जत्थेबंदियों,किसान नेता हरेन्द्र सिंह लाखोवाल और सतनाम सिंह बेहरू के यहां हुई सीबीआई छापेमारी की निंदा

  • सरकार सीबीआई के जरिए किसानों की आवाज को दबा नही सकती: भाकियू

मुजफ्फरनगर (सच कहूँ/रविन्द्र सिंह)। संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता हरेन्द्र सिंह लाखोवाल और सतनाम सिंह बेहरू के यहां पर विगत दिनों सीबीआई के द्वारा छापेमारी की भारतीय किसान यूनियन ने निंदा की है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि इन किसान नेताओं का दोष सिर्फ इतना है कि यह ईमानदारी के साथ किसानों व मजूदरों की लड़ाई को मजबूती से लड़ रहे हैं।

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और उनके हकों की आवाज को पंजाब ही नहीं पूरे देश में बुलंद कर रहे है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में हुए आन्दोलन में केन्द्र सरकार के खिलाफ एक लम्बी लड़ाई को लड़कर तीन काले कानून वापिस कराये थे। इस आन्दोलन में हरेन्द्र सिंह लाखोवाल व सतनाम सिंह बेहरु ने सिन्धु बोर्डर पर रहकर अपनी जत्थेबंदी के साथ अहम भूमिका निभाई। अब केन्द्र सरकार के द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल करना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है। किसान नेताओं के यहां छापेमारी सिर्फ उनकी मानसिक व छवि को खराब करने का एक षड़यंत्र है।

संयुक्त किसान मोर्चा 28 फरवरी को चंडीगढ़ में राज्यपाल से करेगा मुलाकात

चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता 28 फरवरी को चण्डीगढ़ में राज्यपाल से इस प्रकरण को लेकर मुलाकात करेंगें और उसके बाद प्रेस कांफ्रेस भी करेगें।उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकरण में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी तो संयुक्त किसान मोर्चा कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा। कहा कि समस्त भारतीय किसान यूनियन किसान नेताओं के यहां की गयी छापेमारी की घोर निंदा करती है। और जो भी फैसला संयुक्त किसान मोर्चा लेगा हम उनके साथ हर मोर्चे पर डंटकर लड़ाई लडेंगे।

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