बोरवैलों से कब सुरक्षित होगा बाल जीवन

When the borewells will be safe Hair life

खंडर बोरवेल एक बार फिर एक मासूम की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है, इस बार इस बोरवैल ने संगरूर के फतेहवीर को अपनी गिरफ्त में लिया है। देश में प्रतिवर्ष करीब 50 बच्चे खुले पड़े बेकार बोरवैलों में गिर जाते हैं, जिनमें से बहुत से बच्चे अपनी जान भी गंवा बैठते हैं, जोकि एक परिवार समाज व देश के लिए सबसे पीड़ाजनक होता है। अभी फतेहवीर को बचाने के लिए एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय प्रशासन, समाजसेवी संस्थाए खासकर डेरा सच्चा सौदा के सेवादार भी जी जान से जुटे हुए हैं। जिस पर हजारों घंटे का श्रम व लाखों रूपया खर्च हो रहा है ताकि एक मानवीय जान को बचाया जा सके। खर्च की कोई बात नहीं भले इससे भी दस गुणा ओर बढ़ जाए लेकिन जीवन बचना चाहिए। यहां फिर से वही सवाल उठ खड़े हुए हैं

कि प्रशासनिक एवं सामाजिक नियम कायदे क्यों जानलेवा बोरवैलों को यूं खुला रहने दे रहे हैं? यहां सबकी लापरवाही है खेत मालिक, स्थानीय प्रशासन, पंचायत, सब दोषी हैं। सबको ज्ञान है कि जमीन पर खोदा गया, न दिखने वाला गहरा खड्डा किसी के भी जीवन के लिए कभी भी खतरा बन सकता है फिर भी उस खतरे को टालने का कोई प्रयास नहीं किया गया। बोरवैल्स को खोद लेने के बाद वापिस बंद करना कौन सा मुश्किल काम है, अगर उसे जमीन में पानी की निकासी या पुन: शुरू करने के लिए रखा भी जाता है तब उसे तकनीकी तौर पर सुरक्षित बंद क्यों नहीं किया जाता? खंडर बोरवैल

चारों तरफ बाऊंड्री वाल की जा सकती है, बोरवैल के मुंह को पक्का कर उस पर जाल बिछाया जा सकता है। उसके आसपास चेतावनी या खतरे के चिन्ह् लगाया जा सकते हैं बहुत से उपाय है जिससे कि किसी को इनमें गिरने से बचाया जा सकता है, इसके अलावा जब कोई बच्चा गिर जाता है तब देश व सरकार के पास अभी तक कोई तकनीक नहीं बन सकी है कि बच्चों को सुरक्षित वापिस खींचा जा सके।

बेकाबू भीड़ व दिनरात खोदे जा रहे गड्ढे हर बचाव कार्य में सदैव लौट आते हैं, जबकि इनसे आगे बढ़ना चाहिए। आज इंटरनेट का जमाना है, सैकड़ों तकनीकें उपलब्ध हैं, लेकिन घटनास्थल की वीडियो बनाने के सिवाय कोई भी इंटरनेट से बचाव की तकनीकें नहीं अजमाता। अगर इंटरनेट पर सुझाई जा रही तकनीकें नाकाम हैं तब क्यों कोई नई तकनीक नहीं विकसित की जा रही, जिससे जीवन सुरक्षित हो और बेमतलब की परेशानी एवं खर्च से बचा जा सके। अन्यथा यूं ही बच्चे गिरते रहेंगे व लाख कोशिशों के बाद उनका जीवन दांव पर लगता रहेगा।

 

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