Indian Cinema History:…जब पहली बार फिल्म देख बेहोश हो गई महिलाएं, जानें क्या है मामला…

Indian Cinema History
Indian Cinema History :...जब पहली बार फिल्म देख बेहोश हो गई महिलाएं, जानें क्या है मामला...

Indian Cinema History: वेब डेस्क। आज 7 जुलाई 1896 है, जिस दिन भारत में पहली फिल्म प्रदर्शित की गई थी। जिसको पहले चमत्कार का नाम दिया गया था। लोगों को पहले ही बता दिया गया था आपको चमत्कार दिखाएंगे, तब जाकर लोग फिल्म देखने के लिए राजी हुए थे।

लेकिन जब फिल्म शुरू हुई तो महिलाएं बेहोश हो गर्इं और पुरुष अपनी सीट छोड़कर सिनेमा हॉल से बाहर भागने लगे। जी हां, हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत में फिल्में दिखाने का सिलसिला कैसे शुरू हुआ? एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस बात का खुलासा हुआ है कि आज से 127 साल पहले इस फिल्म को शाम को एक निश्चित समय पर दिखाने की तैयारी की गई थी। Indian Cinema History

उसी निश्चित समयानुसार भारत के बड़े महानगर में 200 अमीर लोग होटल के सभागार में एकत्र हुए, जहां एक चमत्कार दिखाने का दावा किया गया था। सभागार के एक तरफ सफेद पर्दा लगा हुआ था, जिसके सामने सभी लोग कुर्सियों पर बैठे थे, जैसे आजकल किसी सिनेमा हॉल में सीटें लगी होती हैं। कुछ अंग्रेज यहाँ उस चीज को दिखाने के लिए आये थे जिसे सिनेमा कहा जाता था। दावा किया गया था कि स्क्रीन पर लोग और जानवर चलते नजर आएंगे। इन 200 लोगों ने इस चमत्कार को देखने के लिए 1 रुपये में टिकट खरीदे। अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 1896 के उस दौर में सोना एक रुपये के बराबर होता था। Indian Cinema History

खैर, सभागार में अंधेरा हुआ और सिनेमा शुरू हो गया। जो दावा किया जा रहा था, वह सच निकला। सामने स्क्रीन पर कुछ लोगों को एक फैक्ट्री से बाहर आते दिखाया गया, फिल्म का नाम था ‘वर्कर्स लिविंग इन द ल्यूमियर फैक्ट्री’। यह सचमुच एक चमत्कार था। लोग आंखें बंद करके स्क्रीन की ओर देख रहे थे। लोगों के मन में एक ही सवाल था कि स्क्रीन पर चलते हुए लोग कैसे दिख सकते हैं। पहली फिल्म 46 सैकिंड में खत्म हो गई थी। लोग आश्चर्य कर रहे थे। थोड़ी देर बाद दूसरी फिल्म शुरू हुई, वो भी कुछ सेकेंड की थी। नाम था ‘द अराइवल आॅफ ए ट्रेन’ जिसमें एक रेलवे प्लेटफॉर्म दिखाया गया था जिस पर ट्रेन आने वाली थी। Indian Cinema History

फिल्म शुरू हुई और स्क्रीन पर ट्रेन चलती देख लोगों की चीख निकल गई। फिल्म देख रहे लोगों को लगा कि ट्रेन उनके ऊपर से गुजरने वाली है। वे आज जीवित नहीं बचेंगे। थिएटर में मौजूद सभी महिलाएं डर के मारे बेहोश हो गईं। अधिकांश पुरुष दर्शक सिनेमा हॉल छोड़कर भाग गये। सभी ने सोचा कि आज अंग्रेज उन्हें ट्रेन से कुचल कर मार डालेंगे।

लगभग 127 साल पहले भारत में सिनेमा दिखाया जाना शुरू हुआ। हालाँकि, यह कोई पूर्व निर्धारित योजना नहीं थी। यह फिल्म ऑस्ट्रेलिया में दिखाई जानी थी, लेकिन इस फिल्म को लेकर ऑस्ट्रेलिया जा रहे ल्यूमियर ब्रदर्स का कार्यक्रम रद्द हो गया और उन्होंने सोचा कि क्यों न इस फिल्म को भारत में दिखाया जाए। यह वही दिन था जब भारत में सिनेमा और फिल्म स्क्रीनिंग की शुरूआत हुई।