लिव इन रिलेशनशिप से परिवार हो रहे बर्बाद..पार्षदों ने उठाए लिव इन रिलेशनशिप के मुद्दे

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  • हरियाणा में बाल विवाह पर एक रिपोर्ट साल में 150 बाल विवाह
  • वेरिफाई कर देना होगा एफिडेविट : चेयपर्सन

चंडीगढ़। हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया (live in relation) ने हिसार शहर के सीनियर डिप्टी मेयर अनिल सैनी की अध्यक्षता में पार्षदों के साथ मीटिंग में बाल विवाह पर रिपोर्ट तलब की है, जिसमें बाल विवाह के 150 केस सामने आए। इनमें से 118 केस 11 जिलों में हैं। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद में 30-30 केस हैं। जबकि करनाल में 25 केस बाल विवाह के सामने आए हैं। इस मीटिंग में जॉइंट कमिश्नर बेलिना भी उपस्थित रहीं।

चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने पार्षदों को कहा कि उनके क्षेत्र में यदि कोई बाल विवाह होने की सूचना मिलती है तो इस पर वे उत्तरदायी होंगे। किसी ने बाल विवाह होने की शिकायत की तो हम आपसे वेरिफाई करेंगे और एफिडेविट देना होगा कि यह बाल विवाह है या नहीं। यदि झूठा शपथ पत्र दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

पार्षदों की अपील पर चेयरपर्सन सहमत | live in relation

मीटिंग में मौजूद पार्षदों ने कहा कि यदि वे सूचना देते हैं तो उनका नाम सार्वजनिक नहीं होना चाहिए। यदि नाम सार्वजनिक होता है तो संबंधित पक्ष उनसे रंजिश रखने लगेगा। इस पर आयोग की चेयरपर्सन ने सहमति दी।
हालांकि कुछ पार्षदों ने कहा कि हमारे पास पहले ही बहुत काम होते हैं, ऐसे में यह एक ओर नया काम मिल गया है। तब चेयरपर्सन ने कहा कि आप लोग अपने एरिया से सबसे ज्यादा वाकिफ होते हैं, चुनाव जीतने और हारने दोनों परिस्थितियों में आपका संबंध वार्डवासियों से बना रहता है, इसलिए यह फैसला सरकार ने किया है।

पार्षदों ने उठाए लिव इन रिलेशनशिप के मुद्दे | live in relation

मीटिंग में पार्षदों ने चेयरपर्सन के समक्ष लिव इन रिलेशिनशिप का मुद्दा रख दिया। पार्षदों ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप के कारण तीन परिवार बर्बाद हो रहे हैं। इस पर न तो सरकार रोक लगा रही है। साथ ही पार्षदों ने शहरों के पार्कों में युवक-युवतियों के घूमने और अनैतिक कार्य के मामले भी उठाए। तब चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप पर काननू बना है। इसलिए सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने माना कि लिव इन रिलेशनशिप के चलते समाज में विकृतियां आई।

लिव इन रिलेशन पर गुरु | live in relation

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमारे अनुसार ये सही नहीं है। हमारा कल्चर बहुत ही स्वस्थ है। जब आप 6 महीने साल रहते हैं चलो बाकी बात नहीं, आपके घर के बाहर गुलाब के फुल लगे हैं पहले दिन आप बहुत अच्छे से देखते हैं, बहुत सुंदर है, बड़ी इसकी खुशबु लेते हैं, लेकिन एक महीने, दो महीने, चार महीने बाद आपको पता नहीं रहता कि आपके घर के आगे गुलाब के फूल भी लगे हैं, क्योंकि आप बिजी है, भागके आते हैं और गेट खोला अंदर चले जाते हैं, कोई खुशबु नहीं आ रही, कोई बदबू नहीं आ रही, आप भागते रहते हैं। उसी तरह से संबंध हैं, रिश्ते नाते हैं कि भाई आप लगातार इस तरह से करते रहेंगे।

आप रह रहे हैं इकट्ठे, एक साथ रह रहे हैं तो आप एक-दूसरे की आदतों के आदि हो जाते हैं और फिर जब आदि हो गए तो आप चेंज ढूंढते हैं, आपका माइंड कहता है कि अपना कौन सा रिश्ता बना हुआ है, आपा कौन से रिश्ते में बंधे हुए हैं। ब्रेकअप पार्टी देकर ब्रेकअप करते हैं आप। गजब तो ये है ना, पहले ये प्यार था कि रिश्ते असल में तो रिश्ते टूटते ही नहीं थे, टूटता था तो मंजनू या जो-जो नाम दिए हैं वो ऐसे ही नहीं दिए गए, लोग रोते थे, तड़फते थे एक-दूसरे के बिना। लेकिन आज तो हैरानीजनक है रिश्ता टूट गया तो खुशी मनाते हैं, चलो ब्रेकअप की पार्टी हो रही है, बनता है तो आप पार्टी दे रहे होते हैं कि नया रिश्ता बन रहा है। क्योंकि उनको एनजोवायमेंट हो गई, चार महीने इसके साथ रह लो कोई हर्ज नहीं, चार महीने उसके साथ रह लिए।

इससे बीमारी फैलने का बहुत ज्यादा डर है, इससे आपके माइंड में पॉजिटिव वेबस हैं वो नहीं आ पाएंगी, जल्दी से नेगेटिव वेबस घर कर जाएंगी और आपके लिए मुश्किल पैदा कर देंगी तो इसलिए आप लोगों से गुजारिश, हम आपसे ये ही चाहते हैं कि आप अमल कीजिएगा और सबसे पहले विल पावर पैदा कीजिए जो हर समस्या का हल है। विल पावर के लिए कोई काम नहीं छोड़ना, हाथोें-पैरो से कर्म करते रहिए कर्मयोगी और जीभा ख्यालों से ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम का नाम थोड़ा-थोड़ा लेते रहिए, क्या जोर लगता है आपका।

आप गाड़ी चला रहे हैं या पैदल जा रहे हैं, चलना पैरो से है देखना आँखों से है, हाथ-पैर चल रहे हैं, जीभा तो नहीं चल रही, चल रही है दूसरो का बेड़ा गर्क करने के लिए और खुद का बेड़ा गर्क करने के लिए। आप दूसरों के बारे में बुरा सोचते जा रहे हैं, नेगेटिव सोच आती जा रही है, क्यों ना आप ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु का नाम लें, राम-नाम से आत्मबल भी आएगा और यकीनन आपकी हर समस्याओं का हल आत्मबल में ही छिपा हुआ है तो आप उसको हासिल करिए, हमारा आशीर्वाद है।

क्या है लव इन रिलेशनशिप

लिव इन रिलेशनशिप पश्चिमी देशों से आया है और वहां के लिए यह आम बात है, लेकिन भारतीय सभ्यता में बिना शादी के एक स्त्री-पुरुष के साथ रहने को स्वीकार नहीं किया जाता, लेकिन बदलती जीवन शैली में इसे भारत में भी अपनाया जाने लगा है। चूंकि आज लिव इन रिलेशनशिप में रहना बड़े शहरों में आम हो जा चुका है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इसे कानून वैध करार दिया है। चूंकि लिव इन को लेकर भारतीय संसद ने कोई कानून पारित नहीं किया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश ही इस मामले में कानून की तरह काम करता है।

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