अमेरिका में दिवालिया हुआ बैंक, भारतीय कंपनियों पर आया संकट

नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने का असर भारत की कई स्टार्टअप कंपनियों पर पड़ा है। जानकारी के मुताबिक इस बैंक में भारत के 40 स्टार्टअप्स ने 2.5 लाख डॉलर से लेकर 10 लाख डॉलर (तकरीबन 2 से 10 करोड़ रु. प्रति स्टार्टअप) जमा करा रखे थे। वहीं जानकारों का मानना है कि सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस का असर निश्चित तौर पर स्टार्टअप ईकोसिस्टम पर पड़ेगा।

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दरअसल, सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने से इससे जुड़े स्टार्टअप्स में अचानक अनिश्चितता पैदा हो गई है। सिलिकॉन वैली के वेंचर कैपिटलिस्ट और इन्वेस्टर आशु गर्ग ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही सबकुछ सही हो जाएगा, लेकिन मेरा मानना है कि यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बड़ी समस्या है। बता दें कि अमेरिका में व्यापार करने वाले ज्यादातर भारतीय स्टार्टअप सिलिकॉन वैली बैंक से ही अपने ट्रांजेक्शन करते हैं।

अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक था सिलिकॉन वैली

अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से दुनियाभर के निवेशक चिंता में हैं। सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक था। वहीं इस आर्थिक संकट को 2008 के बाद अमेरिका का सबसे बड़ा आर्थिक संकट माना जा रहा है। 2008 में वाशिंगटन म्यूचुअल और लेहमन ब्रदर्स के डूबने से यहां सबसे बड़ी आर्थिक मंदी देखी गई थी।

ये आ सकती हैं समस्याएं

  • स्टार्टअप्स में कैश-फ्लो व कर्मचारियों की सैलरी देने का संकट पैदा होगा।
  • नुकसान से बचने के लिए कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो सकती है।
  • फ्यूचर प्लानिंग और सक्रिय योजनाओं पर होगा असर।
  • स्टार्टअप्स को दूसरी जगहों से लोन लेने में आएगी समस्या।
  • घाटा होने पर अन्य इन्वेस्टर्स हाथ पीछे खीचेंगे।
  • 15 साल बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट

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