-करोड़ों साध-संगत को दिलाया प्रण | Baba Ram Rahim
-अब सुबह उठकर हर रोज माता पिता व बड़ों के चरण स्पर्श करेंगे नौजवान
बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। भारतीय संस्कृति और परंपरा, महज एक संकल्पना नहीं होती है, बल्कि यह गर्व की बात होती है, जो हम सभी में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जो विरासत हमारे हिस्से में आई है, वह अन्य किसी भी देश को प्राप्त नहीं हुई है। इस विरासत को संभालना, जतन करना और इस पर गर्व करना, हमारा फर्ज है लेकिन क्या हम ऐसा करते हैं? हम अक्सर सोचते हैं कि हमारी भारतीय संस्कृति और परंपरा धीरे-धीरे समाप्त हो रही है लेकिन यह समाप्त क्यों हो रही है इस बारे में हम कुछ सोचते नहीं और ना ही अपने प्रयासों को लेकर अपने भीतर झांकते हैं। लेकिन आज डेरा सच्चा सौदा के संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Baba Ram Rahim) ने परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन अवतार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एमएसजी भंडारे में भारतीय संस्कृति को बचाने का संकल्प लिया।
करोड़ों डेरा अनुयायियों को माता-पिता व बड़ों के चरण स्पर्श करने का प्रण दिलवाया | Baba Ram Rahim
संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने लुप्त हो रही भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए आज समाज को बहुत बड़ा संदेश दिया है। पूज्य गुरु जी ने भारतीय संस्कृति को जिंदा रखने और खुशहाल जिन्दगी बनाएं रखने के लिए समाज के नौजवानों को सुबह उठते ही माता-पिता व बड़ों के चरण स्पर्श करने व बड़ों ने आशीर्वाद देना, इस प्रकार दिन की शुरूआत करने का प्रण दिलवाया। इस पर करोड़ों साध-संगत ने दोनों हाथ खड़े करके प्रण लिया।
बच्चे अपने संस्कार भूलते जा रहे है | Baba Ram Rahim
आज के घोर कलियुग में बच्चे अपने संस्कार भूलते जा रहे हैं। हमारी संस्कृति में चरण स्पर्श करने का अपना ही महत्व है। यह आस्था, सम्मान व विश्वास का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में माता-पिता एवं बुजुर्गों की चरण वंदना को श्रेष्ठ माना गया है। चरण स्पर्श के पीछे एक उम्मीद होती है, वह है आशीर्वाद की खुशी। हमें बड़ों से जो आशीर्वाद मिलता है, उससे हमारी जिंदगी बदल जाती है।
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