पंजाब विधानसभा: भगवंत मान सरकार का विश्वास प्रस्ताव ध्यनिमत से पास

CM Bhagwant Mann sachkahoon

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान विश्वास प्रस्ताव पर सोमवार को बहस हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस चर्चा का जवाब दिया। इसके बाद यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पास हो गया। प्रस्ताव के समर्थन में 93 विधायक रहे। इससे पूर्व बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस एक हैं। भाजपा आॅप्रेशन लोटस चलाकर चुने गए प्रतिनिधियों को खरीदकर सरकारें बना रही है। बीजेपी ने कांग्रेस के विधायक खरीदे ,लेकिन कांग्रेस चुप है। कांग्रेस ने विधानसभा में चर्चा के लिए हिस्सा नहीं लिया।

दो वकीलों ने उनसे संपर्क कर भाजपा में शामिल होने का दिया था आॅफर : : अंगुराल

मुख्यमंत्री भगवंत मान, वित्तमंत्री हरपाल चीमा और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल आरोप लगा चुके हैं कि भाजपा पंजाब में उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। इन नेताओं ने दावा किया था कि खुद आप विधायकों ने बताया है कि उन्हें आप छोड़कर भाजपा में शामिल हाने के बदले में 25-25 करोड़ रुपए आॅफर किए जा रहे हैं। विधायकों के आरोपों के बाद पंजाब सरकार ने मामले की जांच पंजाब सतर्कता ब्यूरो को सौंप दी। ब्यूरो ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए इसकी जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई है। सोमवार को दोनों विधायकों ने इसी एसआईटी के सामने अपने बयान दर्ज कराए। अंगुराल ने कहा कि उनसे दो लोगों ने संपर्क किया। दोनों ने खुद को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का अधिवक्ता बताया। दोनों ने खुद को भाजपा के संपर्क में बताया और कहा कि वह उन्हें केंद्रीय मंत्री ठाकुर से मिलवाएंगे। उसके बाद शाह से मिलवाया जाएगा। भाजपा में शामिल होने पर उन्हें 25 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।

25-25 करोड़ रुपए आॅफर करने के आरोप

अंगुराल ने स्वीकार किया कि उनकी ठाकुर से सीधी कोई बात नहीं हुई और उनसे संपर्क करने वाले शख्स ने ही ठाकुर का नाम लिया था। उनसे संपर्क करने वाले वकीलों के नाम पूछने पर अंगुराल ने कि सतर्कता मुख्यालय में एसआईटी के पास सब कुछ दर्ज करवा दिया है। वह यहां उनके नाम नहीं बता सकते। विधायक अंगुराल ने कहा कि जिन दलालों ने उनसे संपर्क किया, उनकी आॅडियो उनके पास है। उन्होंने आॅडियो और बातचीत के सारे सुबूत एसआईटी को सौंप दिए हैं। अंगुराल ने कहा कि सतर्कता अधिकारी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय बार काउंसिल से दलाल बने वकीलों का डाटा लेने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि पंजाब सरकार ने भाजपा पर आॅपरेशन लोटस के तहत उसके 25 विधायकों को भाजपा में शामिल होने के बदले में 25-25 करोड़ रुपए आॅफर करने के आरोप लगाए थे। एफआईआर में हालांकि 10 विधायक ही शिकायतकर्ता बने।

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