खोसा यूनियन की हुई हंगामी मीटिंग में लिए कई निर्णय

आलमगढ़-बाईपास पर चौक या पुल बनाने की मांग को लेकर 16 को करेंगे हाईवे जाम

अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) भारतीय किसान यूनियन खोसा की एक हंगामी बैठक रविवार को हुई जिसमें आलमगढ़-बाईपास पर चौक या पुल बनाने की मांग को लेकर 16 मार्च को सुबह 11 बजे आलमगढ़ चौक को पूरी तरह से जाम करने का निर्णय लिया गया। बैठक में जिला प्रधान गुणवंत सिंह व जिला उपप्रधान बबल बुट्टर ने सभी किसान, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को अपील की कि वह इस संघर्ष में उनका साथ दे व इसके लिए इकट्ठे होकर लड़े। उन्होंने बताया कि अबोहर-श्रीगंगानगर मार्ग पर हाइवे बनाया गया है व आलमगढ़ बाइपास पर चौतरफा रास्ता जिसमें एक श्रीगंगानगर, एक फाजिल्का, एक हनुमानगढ़ रोड व एक शहर को आता है इस चौतरफा रास्ते पर न तो किसी तरह का कोई चौक बनाया गया है जिस कारण यहां रोजाना वाहन में हादसा ग्रस्त हो रहे है।

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उन्होंने कहा कि इस बारे प्रशासन को कई बार मांग की गई है लेकिन प्रशासन व नेशनल हाइवे अथारिटी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जिस कारण रोजाना वाहन जहां आपस में टकरा रहे है व हादसाग्रस्त हो रहे है। वहीं यहां से रोजाना स्कूली वाहनों के अलावा बसें व ट्रक कारे इत्यादि भारी संख्या में गुजरते है जिस कारण हादसा होने का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि यहां कोई जानी नुकसान हो प्रशासन व नेशनल हाइवे आथारिटी को चौक या पुल का निर्माण करना चाहिए ताकि हादसों से बचा जा सके।

हाईवे बनने के कारण अनेक गांवों के लोग परेशान

किसान नेताओं ने कहा कि इसके अलावा भी खुइयां सरवर, गिद्दड़ावाली के अलावा कल्लरखेड़ा में भी पुल बनाने की मांग की जा रही है क्योंकि हाईवे बनने के कारण अनेक गांवों के लोगों को मुश्किल पेश आ रही है। जहां जरुरत है वहां कट नहीं दिए गए व जहां जरुरत नहीं वहां कट दिए गए है। उन्होंने इसी मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन खोसा ने 16 मार्च को आलमगढ़ चौक पर जाम लगाने का निर्णय लिया है क्योंकि बिना इस तरह के कदम से प्रशासन व सरकारें लोगों की बात नहीं सुनती। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी सरकार व प्रशासन नहीं जागा तो यहां पक्का मोर्चा लगाने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा। इस मौके पर गुणवंत सिंह, कुलदीप सिंह, बलकार सिंह, सोना संधू, बबल बुट्टर, सुरिंदर सिंह, कुलवंत सिंह, गुरसेवक सिंह, इंद्रजीत सिंह, दलजीत सिंह, गुरभेज सिंह, बलवीर सिंह, जस औलख, जतिंदर सिंह व वरिंदर सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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