अटारी बॉर्डर पर इंडो-पाक कारोबार पर लगी ब्रेक

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अफगानिस्तान के ड्राई फ्रूट का भारत आने का सिलसिला जारी

अमृतसर (सच कहूँ न्यूज)।

पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता सामने आने के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिए जाने व पाक से आने वाले हरेक सामान पर कस्टम ड्यूटी 200 फीसद किए जाने के बाद इंटेग्रेडेट चेक पोस्ट अटारी पर इंडो-पाक कारोबार को ब्रेक लग गई। वहीं पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान के ड्राई फ्रूट का भारत आने का सिलसिला जारी है। पाक से कारोबार बंद होने से आईसीपी अटारी से जुड़ी मजदूर यूनियनों, ट्रक यूनियन और कस्टम एजेंटों के सामने युद्ध के से हालात बन गए हैं।

13 से 15 हजार परिवारों के रोजगार पर लटकी तलवार

इंडो-पाक चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान प्रदीप सहगल ने कहा कि भारत सरकार का यह अच्छा और सोचा-समझा फैसला है, लेकिन इसके बाद आईसीपी अटारी पर होने वाले बेरोजगार परिवारों के लिए सरकार को कुछ सोचना चाहिए। आईसीपी अटारी हिंद मजदूर सभा के प्रधान हरभजन सिंह बाबा, जसबीर सिंह ठेला, गुरमिंदर सिंह डीसी और प्रताप सिंह ने कहा कि यहां 1433 मजदूर काम करते हैं और उनके साथ 13 से 15 हजार तक लोग आश्रित हैं।

इस तरह आईसीपी अटारी पर कारोबार बंद होने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, इसलिए केंद्र और पंजाब सरकार को उनके रोजगार बाबत सोचना चाहिए। आईसीपी अटारी ट्रक यूनियन के प्रधान पलविंदर सिंह, सचिव परमिंदर सिंह, अमरजीत सिंह और रंजीत सिंह सोनू ने बताया कि आईसीपी पर इंडो-पाक कारोबार बंद होने से 1,000 ट्रकों के पहिए रुक गए हैं। सरकार ने जल्द ही इसका कोई हल नहीं निकाला तो इनके परिवार भूखों मरने की कगार पर पहुंच जाएंगे।

पाकिस्तान से सीमेंट मंगवाने वाले कारोबारी विक्रांत अरोड़ा कहते हैं कि पाक के सामान पर कस्टम ड्यूटी 200 फीसद किए जाने की घोषणा से पूर्व जो सामान आईसीपी पर पहुंच चुका था, उस पर पुरानी कस्टम ड्यूटी ही लेनी चाहिए। 16 फरवरी को पाक गुड्स पर कस्टम ड्यूटी 200 फीसद की गई, मगर इस घोषणा से पूर्व पहुंचे गुड्स पर कारोबारियों को राहत देनी चाहिए।

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