मुकेरियां: मुकेरियां के गांव परीका में एक परिवार ने शहर के निजी अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही के चलते नवजात बच्चे की मौत का आरोप लगाया। वहीं, संबंधित डॉक्टर ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि मां का दूध फेफड़े में जाने से बच्चे की मौत हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चे की मौत के बाद नाराज परिवार वालों ने अस्पताल में तोड़फोड़ व उनसे मारपीट की, जिस कारण उनकी उंगली टूट गई। डॉक्टर ने कहा उनके पास इस घटना का वीडियो भी है।
पुलिस ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर लिए हैं। नवजात के पिता सरबजीत सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी का नरिंदरा अस्पताल में ट्रीटमेंट चल रहा था। 14 नबंवर को डिलीवरी के लिए उसे अस्पताल में दाखिल करवाया। ऑपरेशन से लड़का हुआ। 15 नवंबर को उसकी आंखों में आए सूजन के कारण डॉक्टर ने बच्चे की जांच कर बताया कि बच्चे को पीलिया की शिकायत है।
जिसके इलाज के लिए बच्चे को एक मशीन में लेटा दिया तथा कमरे में ब्लोअर चला दिया। इस दौरान बच्चा रोने लगा। परिवार ने स्टाफ को सूचित करते हुए डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा।
सरबजीत ने आरोप लगाया कि डॉक्टर के मौजूद न होने के कारण बच्चे का समय पर सही इलाज नहीं हो सका। कुछ समय के बाद बच्चे ने रोना बन्द कर दिया। इस पर शक होने पर जब उन्होंने देखा तो बच्चे की मौत हो चुकी थी।
स्टाफ के बुलाने पर करीब 12 बजे डॉक्टर ने बच्चे की जांचकर मौत की पुष्टि की। मृतक बच्चे के पिता सरबजीत सिंह तथा दादा चरण सिंह ने आरोप लगाया कि लगातार ब्लोअर चलने के कारण उनके बच्चे की मौत हुई है। जब इस बारे में डॉक्टर से पूछा, तो अस्पताल के स्टाफ व डॉक्टर ने उनके साथ बदसलूकी व उनके साथ मारपीट भी की।
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