8 सालों से मेहनत का पैसा पाने के लिए भटक रहे पीड़ित निवेशक

Bhiwani News
चिट फंड पीड़ित निवेशकों की बैठक

चिटफंड पीड़ित निवेशकों ने लिया संघर्ष का फैसला

  • पीएसीएल ने देशभर के 6 करोड़ ग्राहकों के 49 हजार 100 करोड़ रुपए डकारे: जिला प्रधान रामजस
  • न्यायालय के आदेशों के बाद भी नहीं मिला पैसा: राजेश बड़ाला

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। स्थानीय हुडा पार्क में रविवार को पीएसीएल सहित राष्ट्रीय सहारा, आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी, किम फ्यूचर  (Chit Fund Company) विजन सर्विस लिमिटेड सहित अन्य चिट फंड पीड़ित निवेशकों की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान सभी पीड़ित निवेशकों ने एक स्वर में कहा कि वे अपने मेहनत का रुपया वापिस लेने की मांग को लेकर करीबन 8 सालों से दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें सिर्फ आश्वासन मिले हैं। इन आश्वासनों से तंग आकर पीड़ित निवेशक सरकार से आर-पार के संघर्ष का मन बना चुके हैं। इसी संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने के लिए आॅल इंडिया इंवेस्टर आॅर्गेनाइजेशन के बैनर तले बैठक आयोजित की गई।

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बैठक को संबोधित करते हुए आॅल इंडिया इंवेस्टर आॅर्गेनाइजेशन के जिला प्रधान रामजस एवं मीडिया प्रभारी राजेश बडाला ने कहा कि (Chit Fund Company)  रुपया निवेश के नाम पर देश भर के 42 करोड़ निवेशक पीएसीएल सहित राष्ट्रीय सहारा, आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी, किम फ्यूचर विजन सर्विस लिमिटेड सहित अन्य चिट फंड का शिकार हुए हैं, जिन्हें हजारों करोड़ रुपए की चपत लगी है। इनमें अकेले पीएसीएल देश भर के 6 करोड़ ग्राहकों को करीबन 49 हजार 100 करोड़ रुपए की चपत लगाकर रफूचक्कर हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि इस घोटाले के शिकार पीएसीएल निवेशक अपने खून-पसीने की कमाई वापिस लेने की मांग को लेकर वर्ष 2016 से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं। यहां तक कि इस मामले में न्यायालय ने 2 फरवरी 2016 को रिटायर्ड जज आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर सेबी को आदेश दिया था कि पीएसीएल की प्रॉपर्टी को नीलाम कर निवेशकों को उनका रुपया लौटाया जाए। (Chit Fund Company) इन आदेशों के करीबन 8 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी पीड़ित निवेशकों को उनका रुपया नहीं मिला है।

इस मौके पर आर्गेनाइजेशन के सचिव राजकुमार ने बताया कि वे सिर्फ निवेशक ही नहीं, मतदाता भी है तथा जल्द ही उन्हे उनका रुपया वापिस नहीं मिला तो वे अपने वोट की ताकत भाजपा को दिखाने का काम करेंगे। इस अवसर पर पवन कुमार, प्रदीप राठी, मदन गोपाल, श्रवण कुमार, सुरेश सांगा, प्रदीप शर्मा, संजय, रवि वर्मा, रविनाथ, राजपाल मोठ, नरेंद्र सहित अन्य पीड़ित निवेशक मौजूद रहे।