दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर दिल्ली में 350 मीटर में 6 स्टील स्पैन  रखने  की प्रक्रिया शुरू 

Delhi-Ghaziabad-Meerut-RRTS-Corridor
  • -पहला 70 मीटर लंबा स्पैन सफलतापूर्वक हुआ स्थापित,गाजीपुर ड्रेन के पास स्थापित होंगे 6 स्टील स्पैन

गाजियाबाद (सच कहूँ /रविंद्र सिंह )। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर (Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS Corridor) पर एनसीआरटीसी के जरिए  गाजीपुर ड्रेन को पार करने के लिए 6 स्टील स्पैन स्थापित किए जा रहे हैं। इन 6 स्पेशल स्टील स्पैन की कुल लंबाई 350 मीटर है, संपूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर पर यह एकलौती ऐसी जगह है जहाँ इतना लंबा वायाडक्ट स्टील स्पैन द्वारा बनाया जा रहा है। इन 6 में से पहले स्पेशल स्टील स्पैन को सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया गया है। 560 टन वजनी यह स्पेशल स्टील स्पैन न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन के पास कौंडली क्षेत्र में स्थापित किया गया है।

क्या बोले एनसीआरटीसी के प्रवक्ता | Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS Corridor

एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि आरआरटीएस कॉरिडोर गाजीपुर ड्रेन के समानांतर आगे बढ़ रहा है। जहाँ कॉरिडोर ड्रेन को पार करेगा वहां स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किए जा रहे हैं, यह हिस्सा कोंडली चौक के पास सड़क के ऊपर से भी गुजरेगा। इन 6 स्पेशल स्टील स्पैन में से 3 लगभग 70-70 मीटर के होंगे और बाकी 3 लगभग 50- 50 मीटर के होंगे।

गाजीपुर ड्रेन के समानांतर स्थापित हुआ स्पैन लगभग 70 मीटर का है और इसकी चौड़ाई लगभग 14 मीटर है। इस स्पैन को स्थापित करने के लिए निर्मित किये गए पिलर्स पर इसे ग्राउंड लेवल से लगभग 6 मीटर की ऊंचाई पर बड़ी क्रेनों की मदद से रखा गया। क्षेत्र में स्थापित होने वाले अन्य 5 स्पैन का निर्माण किया जा रहा है।

आरआरटीएस कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन में (Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS Corridor) वायाडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर निर्माण करता है। हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे या ऐसे अन्य मौजूदा ढांचों को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं होता। ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए स्पेशल स्पैन का उपयोग किया जाता है।

यह करीब  30 मीटर चौड़े गाजीपुर ड्रेन के समीप स्टील स्पैन की स्थापना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन   एनसीआरटीसी की टीम ने  सभी मानदंडों और सावधानियों का पालन करते हुए इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। गाजीपुर ड्रेन के निकट पहले स्टील स्पैन की स्थापना हेतु एनसीआरटीसी ने अन्य विभागों का भी सहयोग लिया। निर्माण में आने वाली चुनौतियों के बावजूद, एनसीआरटीसी ने निर्माण की गति को बनाए रखा है।

यह विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं होती हैं, (Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS Corridor) जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं। एनसीआरटीसी स्ट्रक्चरल स्टील से बने विशेष इन स्पैन के विभिन्न पार्ट्स का निर्माण कारखानों में करता है। किसी भी तरह की ट्रैफिक समस्यायों से बचने के लिए इन पार्ट्स को रात के दौरान ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़कर स्पैन का निर्माण साइट पर ही किया जाता है। इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना का निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है।

दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 6 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित हुए |(Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS Corridor)

अब तक दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 6 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किये गए हैं, जिनमें 50 मीटर लंबा स्पैन मेरठ में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे ( डीएमई) पर, 73 मीटर लंबा स्पेशल स्पैन रेलवे की मुख्य रेल लाइन पर वसुंधरा में, 150 मीटर लंबा एक स्टील स्पैन गाजियाबाद स्टेशन के पास, दो 45 मीटर लंबे स्टील स्पैन दुहाई डिपो की ओर जा रहे आरआरटीएस वायाडक्ट के लिए और 73 मीटर लंबा स्पैन ईपीई को पार करने के लिए बनाए गए हैं। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 82 किमी लंबे संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को वर्ष 2025 तक जनता के लिए संचालित कर दिया जाए।

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