वाह दान हो तो ऐसा, मरने के बाद भी सृष्टि के भले की सोचते हैं डेरा श्रद्धालु

Dera-devotees
  • जयनारायण इन्सां की पार्थिव देह मेडिकल रिसर्च के लिए दान
  • भरा-पूरा परिवार छोड़कर मालिक की गोद में जा विराजे

सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। डेरा सच्चा सौदा के अनुयाई न सिर्फ जीते जी बल्कि इस जहां से जाने के बाद भी इन्सानियत के काम आते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिले के गाँव नानू कलां निवासी जयनारायण इन्सां (92) का निधन होने पर परिजनों ने उनकी पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च के लिए रामा मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर हापुड़ (यूपी) को दान कर दिया।

डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी जयनारायण इन्सां वर्षों से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े रहे। उनका परिवार भी डेरा सच्चा से जुड़कर सेवा कार्यों में लगा हुआ है। पिछले काफी समय से अपने पैतृक गाँव नानू कलां स्थित अपने परिवार के साथ घर में रह रहे थे। वे पूरी तरह स्वस्थ थे। शुक्रवार की सुबह 8 बजे उन्होंने परिवार के बीच अंतिम सांस ली और मालिक के चरणों में जा विराजे। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणा से जयनारायण इन्सां ने जीते जी ही शरीरदान के लिए संकल्प पत्र भरा हुआ था। इसके चलते जयनारायण इन्सां के मरणोपरांत परिजनों ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए पार्थिव देह मेडिकल रिसर्च हेतु दान करने का निर्णय लिया।

आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद जयनारायण इन्सां की पार्थिव देह को रामा मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर हापुड़ (यूपी) के लिए रवाना किया गया। इस मौके पर परिजनों, रिश्तेदारों, शाह सतनाम जी ग्रीन एस. वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों और साध-संगत ने जयनारायण इन्सां को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, जयनारायण इन्सां तेरा नाम रहेगा’, ‘डेरा सच्चा सौदा की सोच पर, पहरा देंगे ठोक कर’ आदि नारों से आसमान गुंजायमान कर दिया।

चार पीढ़ियां देखने का मिला सौभाग्य

92 वर्षीय जयनारायण को चार पीढ़ियां देखने का सौभाग्य मिला। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। परिवार में उनकी तीन संतान एक बेटा रामपाल व दो बेटी राजबाला व संतरा के अलावा तीन पौते भागीरथ, जयबीर, कमलदीप और एक पौती ऊषा, चार पड़पौते व दो पड़पौती हैं।

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