मंदबुद्धियों के लिए मसीहा बने डेरा सच्चा सौदा के सेवादार

-एक साल से सड़कों पर बदहाल घूम रहा था मंदबुद्धि युवक
-परिवार को देखते ही खिल उठा चेहरा, आँखों से बहने लगे आंसू

सच कहूँ/कर्म थिंद
सुनाम उधम सिंह वाला। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालु निरंतर मानवता भलाई कार्य करके समाज के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए डेरा श्रद्धालुओं द्वारा सड़कों पर बेसहारा घूम रहे दो मन्दबुद्धि युवकों की संभाल कर उनके परिवारों से मिलवाया गया है।
जानकारी देते सुनाम ब्लॉक के 15 मैंबर जिम्मेवार जसपाल सिंह इन्सां ने बताया कि गत दिवस वह संगरूर में किसी घरेलू काम से रणवीर कॉलेज वाली रोड पर जा रहे थे, जहां उनको एक मन्दबुद्धि युवक घूमता नजर आया और उन्होंने उसके साथ बातचीत की तो वह अपने परिवार के बारे में कुछ ज्यादा नहीं बता सका। इसके बाद उन्होंने अपने साथी डेरा श्रद्धालु जुगराज सिंह सेवानिवृत्त पंजाब पुलिस इंस्पेक्टर और अन्य डेरा श्रद्धालुओं से संपर्क कर उसकी संभाल की और थाना सिटी संगरूर में उसके बारे में जानकारी दी और उसका मैडीकल चैकअप भी करवाया गया। तत्पश्चात उस युवक को सुनाम के नामचर्चा घर में लाया गया, जहां उसकी संभाल की। जसपाल इन्सां ने बताया कि बहुत मशक्कत के बाद उक्त युवक ने थोड़ा बहुत अपने परिवार के बारे में बताया और इस पर उक्त युवक का नाम भूरा पुत्र नन्द लाल गांव और डाकखाना लालपुर मान, तहसील नजीबाबाद, जिला बिजनौर (उतर प्रदेश) सामने आया और इसके परिवार से संपर्क किया। तदोपरांत आज इस युवक के परिवार के सदस्यों में से इसका चाचा और चचेरा भाई इसे लेने पहुँचे।

एक को परिजनों से मिलाया, दूसरे के घरवालों की तलाश जारी

जसपाल इन्सां ने बताया कि परिवार के बताने मुताबिक यह लड़का करीब एक साल से घर से गायब था और दिमागी तौर पर कमजोर होने के कारण बेसहारा सड़कों पर घूम रहा था और जब आज इसने अपने परिवार के सदस्यों को देखा तो इसका चेहरा खिल उठा था और भावुक हो गया। उन्होंने बताया कि उसके पारिवारिक सदस्यों से लिखित रूप में लेकर उक्त युवक को पारिवारिक सदस्यों को सौंप दिया गया। जसपाल इन्सां ने कहा कि खास तौर पर जुगराज सिंह रिटायर्ड इंस्पेक्टर पंजाब पुलिस, डॉ. सुखविन्दर बबला समाज सेवी, काला इन्सां हरिपुरा, गोल्डी इन्सां, बब्बू इन्सां, रमेश इन्सां, हरविन्दर इन्सां 15 मैंबर संगरूर, सुखचैन इन्सां सुनाम, बिकी इन्सां, रमन इन्सां और मनप्रीत आदि सेवादारों द्वारा सहयोग किया गया है। इस मौके जिला 25 मैंबर अमरिन्दर बब्बी इन्सां, गुरजीत मिता इन्सां, जसविन्दर इन्सां, भगवान इन्सां, सुरिन्दर इन्सां (सभी पंद्रह मैंबर) और गुरदीप सिंह इन्सां उपस्थित थे।

दूसरे मन्दबुद्धि व्यक्ति को भी परिवार से मिलाने के प्रयास जारी : जसपाल इन्सां

15 मैंबर जिम्मेवार सेवादार जसपाल इन्सां ने बताया कि संगरूर में ही कल एक और मन्दबुद्धि व्यक्ति जो संगरूर पटियाला बाईपास पर घूम रहा था, उसकी भी उनकी तरफ से संभाल की गई है और थाना सिटी संगरूर में उसकी जानकारी देकर उसका भी मैडीकल चैकअप करवाया गया था, परंतु वह व्यक्ति अपने परिवार के बारे में कुछ भी बताने में असमर्थ है, जिस कारण उसे संगरूर के पिंगलवाड़ा में दाखिल करवा दिया गया है और उस युवक को भी उसके परिवार से मिलाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। जसपाल इन्सां ने उसकी फोटो देकर यह अपील की है कि यदि इसकी पहचान होती है तो कोई भी संगरूर या सुनाम ब्लॉक के डेरा श्रद्धालुओं से संपर्क कर सकता है और वह लड़का पंजाबी बोलता है।

पूज्य गुरू जी की शिक्षा अनुसार भलाई कार्य करने में जुटी है साध-संगत : जिम्मेवार

सुनाम ब्लॉक के जिम्मेवारों ने कहा कि अब तक वे अपनों से बिछड़े 25 मन्दबुद्धि युवकों को उनके परिवारों से मिला चुके हैं। यह 26वां मन्दबुद्धि युवक है, जिसको वह परिवार से मिलाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य करने की प्रेरणा उनको पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा दी गई है, जिस पर वह अमल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरू जी द्वारा 139 मानवता भलाई कार्य चलाए गए हैं, जिस पर अमल करते हुए इन सभी समाज भलाई कार्यों को करने में साध -संगत जुटी हुई है।

सेवादारों के गुरु ईश्वर रूप हैं : ब्रह्म नाथ

मंदबुद्धि युवक को लेने के लिए पहुँचे ब्रह्म नाथ (चाचा) और सोनू पुत्र ब्रह्म नाथ (चचेरा भाई) ने बातचीत करते हुए कहा कि उनके लड़के का नाम भूरा है और इसकी उम्र 16 साल के करीब है। यह पहले से ही दिमागी तौर पर थोड़ा कमजोर है और यह इससे पहले भी घर से चला गया था और चार-पाँच दिनों बाद उनको मिल गया था, परंतु अब यह पिछली दीवाली के समय से घर से चला गया था। परंतु उनकी तरफ से बहुत खोज करने पर भी यह ही नहीं मिला था और जब कल उनको पता चला कि उनका बेटा डेरा श्रद्धालुओं के संपर्क में आया है तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना न रहा और वह आज इसको लेने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं का वह शब्दों में धन्यवाद नहीं कर सकते, बस इतना जरूर कहते हैं कि इनके गुरू ईश्वर रूप ही हैं, जो अपने सेवादारों को इस तरह की शिक्षा से प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन पर बहुत बड़ा उपकार किया है और डेरा श्रद्धालुओं का धन्यवाद करने के लिए सभी शब्द छोटे हैं।

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