प्रदेश के 3813 किसानों को लग सकता है बड़ा झटका, 50 बीएचपी के ट्यूबवैल कनैक्शन काटेगी सरकार!

Tubewell Connections

सबसे ज्यादा 1878 कनेक्शन फतेहाबाद में और सरसा  दूसरे नंबर पर

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अनिल कक्कड़)। प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा घोषित ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत प्रदेश के 8 ब्लॉकों में धान की खेती पर रोक लगाई गई है। संबंधित इलाकों के किसानों पर धान की खेती न करने के लिए दबाव की रणनीति के तहत सरकार ने 3813 ऐसे किसान चिन्हित किए हैं, जिनके खेत में 50 बीएचपी मोटर के ट्यूबवैल कनैक्शन लगे हैं, अब सरकार इन कनैक्शनों को काटने जा रही है। सबसे ज्यादा 50 बीएचपी मोटर टयूबवैल कनैक्शन फतेहाबाद, जबकि दूसरा नंबर सरसा जिला का आता है।

उच्च स्तरीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 3813 किसान जिनके पास 50 बीएचपी मोटर कनैक्शन वाले ट्यूबवैल हैं, पर सरकारी की पैनी नजर है और चंडीगढ़ हैडक्वार्टर से सरकारी अधिकारी लगातार इन क्षेत्रों में स्थानीय नहरी विभाग और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें कर इन कनैक्शनों को काटने की प्लानिंग में जुटे हैं। सरकार का मानना है कि 50 बीएचपी मोटर वाले ट्यूबवैल कनैक्शन जमीनी पानी को लगातार कम कर रहे हैं और सरकार द्वारा चिह्नित आठ ब्लॉकों में इन 50 बीएचपी ट्यूबवैलों द्वारा ही धान की सिंचाई के लिए जमीनी पानी निकाला जाता है।

फतेहाबाद में सबसे ज्यादा तो करनाल सर्कल में सबसे कम कटेंगे कनैक्शन!

सरकारी अधिकारियों द्वारा तैयार की गई हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, जींद, अंबाला, कैथल, करनाल सर्कल के 3813, 50 बीचएपी ट्यूबवैल कनैक्शनों की लिस्ट में सबसे ज्यादा फतेहाबाद में 1878, सिरसा में 1868, जींद में 52, कैथल में 5, अंबाला और हिसार में 3-3 और करनाल में 1 ट्यूबवैल कनैक्शन पर सरकारी नजर है। जिसे काटा जा सकता है।
4,44,659 एकड़ भूमि पर धान की बुआई पर लगी है रोक

सरकार द्वारा फतेहाबाद जिला के रतिया ब्लॉक व सरसा जिला के सरसा ब्लॉक, कुरुक्षेत्र जिला के शाहबाद, पीपली, बबैन, इस्माईलाबाद तथा कैथल जिला के गुहला चीका व सीवन में किसान के मल्कियत वाली कुल 4,44,659 एकड़ जमीन पर धान की खेती की बुआई पर रोक लगाई है। वहीं अकेले रतिया में किसान की मलकीयत वाली 1,01,647 एकड़ जमीन पर धान उत्पादन पर रोक लगाई गई है।

सरसा ब्लॉक में किसान की मलकीयत वाली 75,368 एकड़ भूमि पर धान लगाने पर रोक लगाई गई है। सरकारी आदेश के मुताबिक हरियाणा का किसान इस 4,44,659 एकड़ भूमि में से 2,22,330 एकड़ भूमि पर धान की खेती नहीं कर सकता। वहीं सरकार का निर्देश है कि उपरोक्त ब्लॉक्स में अगर किसान ने 50 प्रतिशत से अधिक भूमि में धान की खेती की, तो किसान को बिजली, खाद व बीज सहित सरकार की सब तरह की सब्सिडी से इंकार होगा व किसान का धान भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा।

किसानों के ट्यूबवैल कनैक्शन काटना तुगलकी फरमान, तुरंत वापिस ले सरकार : सुरजेवाला

इस मामले पर कांग्रेस के राष्टÑीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धान की बुआई रोकने के आदेश के बाद अब सबसे ताजा तुगलकी फरमान में 50 बीएचपी की मोटर वाले ट्यूबवेलों का कनेक्शन काटा जाएगा। लाखों नए ट्यूबवेल का कनेक्शन तो दे नहीं रहे, उल्टा किसान के मौजूदा ट्यूबवेल कनेक्शन को काटने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी खट्टर सरकार ने धान की फसल की जगह मक्का पैदा करने के लिए ‘जल ही जीवन’ स्कीम 7 ब्लॉक में शुरू की थी।

इन इलाकों में धान की जगह मक्का की खेती करने के लिए 2000 रु. प्रति एकड़ कैश, 766 रु. प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम व हाईब्रिड सीड देने का वादा किया था व 50,000 हेक्टेयर यानि 1,37,000 एकड़ में धान की बजा; मक्का की खेती होनी थी। परंतु न तो किसान को प्रति एकड़ मुआवजा मिला, न बीमा हुआ, हाईब्रिड सीड फेल हो गया और पूरी स्कीम केवल एक कागजी पुलिंदा बनकर रह गई। अब नाम बदलकर रतिया-सरसा-कैथल-कुरुक्षेत्र के किसान की रोजी रोटी पर हमला बोलने के लिए खट्टर सरकार ामेरा पानी, मेरी विरासत’ स्कीम ले आई है, जो पूरी तरह नादरशाही है। उन्होंने मांग की कि किसान के 50 बीएचपी की मोटर वाले ट्यूबवेल कनेक्शन काटने का आदेश फौरन खारिज किया जाए।

 

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