डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी बोले, राष्ट्रीय ध्वज की आन-बान-शान को रखेंगे कायम

ओढां व रोड़ी में साध-संगत ने घरों में स्थापित किए तिरंगे

ओढां (सच कहूँ/राजू )। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने गुरु पूर्णिमा पर बरनावा स्थित आश्रम से अपने पावन मुखारबिंद से हर घर में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा स्थापित करने के वचन किए थे। अपने गुरु के इन्हीं वचनों पर चलते हुए साध-संगत ने अपने-अपने घरों में तिरंगा स्थापित करना शुरु कर रखा है। इसी कड़ी में ओढां की साध-संगत ने मुहिम चलाकर अपने-अपने घरों में तिरंगा स्थापित किया। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग की ड्रैस में सजे अनुयायियों ने बेनती भजन व इलाही नारे के साथ अपने घरों में तिरंगा लगाकर उसे सैल्यूट किया।

Dera Followers Patriotism

भंगीदास जीवनपाल इन्सां ने बताया कि ओढां की साध-संगत पूज्य गुरु जी के पावन वचनों पर चलते हुए 142 मानवता भलाई कार्यांे को बढ़-चढ़कर गति दे रही है। इसी कड़ी में उन्होंने अपने घरों में न केवल तिरंगा स्थापित किया है बल्कि तिरंगे की आन-बान-शान कोबरकरार रखने का भी संकल्प लिया है। वहीं रोड़ी में भी साध-संगत ने तिरंगा स्थापित कर सैल्यूट किया। भंगीदास बंसी इन्सां ने बताया कि साध-संगत ने अपने घरों में राष्टÑीय ध्वज स्थापित कर न केवल अपने गुरु के वचनोंं पर अमल किया है बल्कि देशभक्ति का भी परिचय दिया है।

करोड़ों लोगों ने एक साथ तिरंगा फहराकर बना दिया देशभक्ति का माहौल

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर करीब 6 करोड़ की साध-संगत को तिरंगा स्थापित करने के वचन किए थे। गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु को लाइव देख रही करोड़ों की साध-संगत ने हाथों में तिरंगे फहराते हुए देशभक्ति का एक अलग ही माहौल कायम कर दिया। बता दें कि इससे पहले पूज्य गुरु जी की फिल्म ‘हिंद का नापाक को जवाब’ ने भी लोगों में देशभक्ति का जोश भरा था। करोड़ों की तादाद में साध-संगत ने पूज्य गुरु जी द्वारा गाए गए देशभक्ति गीत ‘जीएंगे मरेंगे मर मिटेंगे देश के लिए’ को अपनी कॉलर ट्यून भी बनाया।

प्रदेश के 60 लाख घरों पर लहराएगा तिरंगा

केंद्र की मोदी सरकार ने आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के अवसर पर पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान चलाया है। जिसके चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 17 जुलाई को हर घर तिरंगा को जन अभियान बनाए जाने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां हर घर व सरकारी कार्यालय, निजी भवनों, स्कूलों व व्यवसायिक संस्थानों पर तिरंगा फहराया जाएगा। उन्होंने प्रशासिनक सचिवों एवं जिला उपायुक्तों को हर जिले में राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी आदेश दे दिए।

ध्यान में रखें ये नियम:

तिरंगा हर भारतीय की शान है, हर भारतीय को चाहिए कि वह अपने घर, आॅफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर शान के साथ तिरंगा फहराये परन्तु तिरंगे के सम्मान में हर देशवासी को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी, सूती, सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता।

2. सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। रात के समय झंडा फहराने की अनुमति है लेकिन झंडा 100 फुट की ऊंचाई पर हो और झंडे पर रोशनी की व्यवस्था हो। झंडे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता। झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा सिवाय उन मौकों के जब सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी किए गए हों।

3. झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। किसी भी तरह फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुमार्ना, या दोनों हो सकते हैं।

4. झंडे का कर्मशियल इस्तेमाल नहीं कर सकते। किसी को सलामी देने के लिए झंडे को झुकाया नहीं जाएगा। अगर कोई शख्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो, उसका वस्त्र बना देता हो, मूर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अलावा) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा।

5. तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना गलत है। अगर कोई शख्स कमर के नीचे तिरंगे को कपड़ा बनाकर पहनता हो तो यह भी अपमान है। तिरंगे को अंडरगार्मेंट्स, रुमाल या कुशन आदि बनाकर भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

6. झंडे पर किसी तरह के अक्षर नहीं लिखे जाएंगे। खास मौकों और राष्ट्रीय दिवसों जैसे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराए जाने से पहले उसमें फूलों की पंखुड़ियां रखने में कोई आपत्ति नहीं है।

7. किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या मंच को सजाने में झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गाड़ी, रेलगाड़ी या वायुयान की छत, बगल या पीछे के हिस्से को ढकने में यूज नहीं कर सकते। झंडे का इस्तेमाल किसी इमारत में पर्दा लगाने के लिए नहीं किया जा सकता।

8. फहराए गए झंडे की स्थिति सम्मानजनक बरकरार होनी चाहिए। फटा या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए। झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए।

9. यदि झंडे को किसी मंच पर फहराया जाता है, तो उसे इस प्रकार लगाया जाना चाहिए कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उसके दाहिनी ओर रहे। एक तरीका यह भी है कि झंडे को वक्ता के पीछे दीवार के साथ और उससे ऊपर लेटी हुई स्थिति में प्रदर्शित किया जाए।

10. किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाया जा सकता। इसके अलावा, फूलमाला, प्रतीक या अन्य कोई वस्तु झंडे के पोल के ऊपर रखी जाए।

11. भारतीय नागरिक अब रात में भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा सकते हैं। इसके लिए शर्त होगी कि झंडे का पोल वास्तव में लंबा हो और झंडा खुद भी चमके।

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