गाजियाबाद पुलिस ने पकड़ा 50 हजार का इनामी प्राण  

अपराधियों की कमर तोड़ने में जुटी गाजियाबाद पुलिस,वर्षों से फरार 50 हजार का इनामी गेंग लीडर दबोचा

  •  गेंग लीडर प्राण वर्ष 2019 से आधा दर्जन मुकदमों चल रहा था वांटेड

गाजियाबाद (सच कहूँ /रविंद्र सिंह)। गाजियाबाद पुलिस अपराधियों किकंर तोड़ने में जुटी हुई है। राजधानी  दिल्ली से सटे इंदिरापुरम थाने से आधा दर्जन मामलों में वर्षों से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी गेंग लीडर प्राण को क्राइम ब्रांच पुलिस गिरफ्तार कर लिया।

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क्या बोले अपर पुलिस उपायुक्त (ADCP)  हरसांव  स्थित पुलिस लाइन  सभागार पत्रकार वार्ता में खुलासा करते हुए सच्चिदानन्द अपर पुलिस उपायुक्त अपराध पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद  ने बताया कि  वर्षों से फरार  इनामी गैंग लीडर प्राण  पुलिस से बचने के लिए पश्चिम बंगाल, और महाराष्ट्र उसके अब गुजरात पहुंचा था। और फिलहाल गुजरात (Gujarat) से हावड़ा जाने वाली ट्रेन में क्लीनिंग सुपरवाइजर का काम कर रहा था।

गैंग लीडर प्राण सिंह गैंगस्टर मुकदमे में 2019 से फरार था

अपर पुलिस उपायुक्त  सच्चिदानंद ने बताया कि पकड़ा गया इनामी  प्राण सिंह मूल रूप से पश्चिम बंगाल में अब्दुलपुर नॉर्थ-24 का रहने वाला था, लेकिन इस एड्रेस के बारे में किसी को खबर नहीं थी। आरोपी जब-जब पकड़ा गया, तब-तब उसने अपना गाजियाबाद में इंद्रापुरम थाना क्षेत्र का एड्रेस लिखवाया था।  वर्ष -2019 में थाना इंदिरापुरम पर दर्ज हुए गैंगस्टर के मुकदमे में वांटेड था। आरोपी के खिलाफ गाजियाबाद में स्नेचिंग जैसे करीब आधा दर्जन  मुकदमे दर्ज हैं।

हाई स्पीड बाइक से करते थे लूट, स्नेचिंग

पुलिस पूछताछ में इनामी गेंग लीडर प्राण सिंह ने बताया, वह  12 वीं तक पढ़ा है । उसके  पिता मूलत: बिहार में वैशाली के रहने वाले थे और बीमा एजेंट थे। पैसा कमाने के लिए मैं दशकों पहले गाजियाबाद आया। और इंदिरापुरम के  शनि चौक के पास रहकर मजदूरी करने लगा। लेकिन ज्यादा कमाई के चक्कर में गैंग बनाकर अपराध भी करना शुरू कर दिया।प्राण सिंह के अनुसार, उसका  गैंग हाईस्पीड बाइकों से  चेन स्नेचिंग, मोबाइल झपटमारी, करने लगा। टैक्सी किराए पर लेने के बाद उसे सुनसान रास्ते पर ले जाकर लूट लेते थे।

2018 में पहली बार प्राण सिंह (Ghaziabad) गाजियाबाद से पकड़ा गया और जेल गया। जेल से छूटकर फिर अपराध में लिप्त हो गया। 2019 में जेल गया तो फर्जी जमानती लगाकर जमानत भी ले ली और जेल से बाहर आ गया। इसी दौरान गाजियाबाद पुलिस ने प्राण सिंह पर गैंगस्टर लगा दिया। रेलवे स्टेशन पर स्टाफ रूम में रहता था

गैंगस्टर के मुकदमे की खबर लगते ही प्राण सिंह  कलकत्ता भाग गया। वहां से तीन महीने बाद मुंबई चला गया और समुद्र में बोट चलाने का काम किया। वर्ष -2022 में वो गुजरात के अंकलेश्वर में आया। रेलवे में सफाई का काम करने वाली ओबीएसएच कंपनी के अंडर में  काम शुरू किया और फिर क्लीनिंग सुपरवाइजर बन गया। वर्तमान में प्राण सिंह गांधीधाम रेलवे स्टेशन के क्लीनिंग स्टाफ रूम में रहता था और फिलहाल वह हावड़ा जाने वाली ट्रेनों में क्लीनिंग सुपरवाइजर के पद पर तैनात  था।

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