हसीन वादियों की तरह दिखाई देता है सरकारी प्राथमिक स्कूल लुहारा

अध्यापक बच्चों को स्मार्ट क्लास रूम में मल्टीमीडिया तकनीक के साथ करवा रहे पढ़ाई

बठिंडा(अशोक वर्मा)। लुहारा के सरकारी प्राथमिक स्कूल की हरियाली को देखें तो पहली नजर में यह किसी हसीन वादियों की तरह दिखाई पड़ती है। श्री मुक्तसर साहब जिले का यह स्कूल पहले ऐसा नहीं था अध्यापकों व विद्यार्थियों ने स्कूल की नुहार बदलने में बड़ा योगदान दिया है। इस स्कूल में इस समय बच्चों की संख्या 143 है, जिनको छह अध्यापक पढ़ा रहे हैं। अब यह सरकारी प्राथमिक स्कूल खुद को शिक्षा की जरूरतों अनुसार ढ़ाल कर स्मार्ट सरकारी स्कूलों की श्रेणी में शुमार हो गया है। परिणामों में यह स्कूल जिले के अग्र्रणी स्कूलों में गिना जाने लगा है। अध्यापक बच्चों को स्मार्ट क्लास रूम में मल्टीमीडिया तकनीक के साथ पढ़ाई करवा रहे हैं।

स्कूल की दीवारों पर की मनमोहक चित्रकारी अपना भविष्य संवारने के सपने साथ पढ़ने आने वाले बच्चों के बाल मन को आसमान में ऊंची नयी उड़ान भरने के लिए प्रेरित करती है इस तरह ही कुछ दीवारों पर पानी बचाने, वृक्ष लगाने, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, धरती बचाओ जीवन बचाओ, नशों से दूर रहने के लिए समाज को शिक्षा देने वाली पेंटिंग बनाई गई हैं। स्कूल के बच्चों के पीने के लिए आरओ का साफ सुथरा पानी, फ्रीजर व बढ़िया फर्नीचर उपलब्ध है। स्कूल के पुस्तकालय में लगभग 300 पुस्तकें हैं, जिनको बच्चे पढ़ते व ज्ञान हासिल करते हैं।

उद्देश्य : बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना

स्कूल की मुख्य अध्यापिका ज्योति की प्रतिक्रिया थी कि स्कूल के हर कोने को बच्चों के सीखने के मॉडल के तौर पर विकसित करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि स्टाफ का लक्ष्य बच्चों को महंगे निजी स्कूलों से भी बेहतर सुविधाओं मुहैया करवाना है जिससे विद्यार्थी अच्छे नागरिक बनकर देश की सेवा कर सकें।

अन्य स्कूल भी लें शिक्षा: राजिन्द्र सिंह

शिक्षा विभाग पंजाब के वक्ता राजिन्द्र सिंह का कहना था कि शिक्षा की महक बाँटने लगे लुहारा के प्राथमिक स्कूल से अन्य स्कूलों को भी शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस रास्ते यह स्कूल चला है, उस पर सब चलें तो प्राथमिक शिक्षा और भी बुलन्दियां छूने लगेगी।

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