मीनू बेनीवाल के जनसेवा मॉडल को हरियाणा सरकार देगी गति

Meenu Beniwal sachkahoon

दानवीर योजना के तहत बदलेगी प्रदेश के गाँवों की तस्वीर

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। गुरुग्राम में रह रहे सरसा जिला निवासी मीनू बेनीवाल (Meenu Beniwal) आज समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति में नजर आते हैं। उन्होंने चिकित्सा, शिक्षा, खेल व अन्य क्षेत्रों में जो अनुकरणीय काम किए हैं, उनका अनुसरण हरियाणा सरकार भी करने जा रही है। मीनू बेनीवाल मशहूर उद्यमी हैं। उन्होंने अपनी कंपनी के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड का सदुपयोग करके ऐलनाबाद के गांवों की सूरत बदल दी है। अब उनके इस मॉडल को दानवीर योजना के माध्यम से हरियाणा सरकार भी बढ़ावा दे रही है।

मीनू बैनीवाल पिछले करीब चार महीनों से ऐलनाबाद हलके पर काम कर रहे हैं। यह क्षेत्र उन्होंने इसलिए चुना कि इस क्षेत्र में उनका तराकांवाली गांव आता है। उन्होंने ऐलनाबाद हलके के अधिकतर छोटे-बड़े गांवों के अलावा नाथूसरी चौपटा, ऐलनाबाद के अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी की कायापलट कर दी है। मीनू बैनीवाल के अथक प्रयासों और फंड के सदुयोग से अब ऐलनाबाद हल्के के गाँवों के पीएचसी शहरी केंद्रों से बेहतर नजर आते हैं। अपने आप में यह बहुत बड़ा बदलाव हो गया है।

Meenu Beniwal sachkahoonमीनू बैनीवाल (Meenu Beniwal) ने ऐलनाबाद हलके के दड़बा कलां, माधो सिंघाना, ढुकड़ा, ऐलनाबाद, नाथूसरी चौपटा, जमाल सहित अधिकांश गांवों के स्वास्थ्य केंद्रों में आधुनिक सुविधाओं वाले उपकरण, बेड, आॅक्सीजन, सभी प्रकार के खून टेस्ट की सुविधा के लिए लैब उपकरण, डॉक्टर्स व पैरा-मेडिकल स्टॉफ के लिए ड्रेस, दवाइयां, डेंटल चेयर, बुजुर्गों के लिए व्हील चेयर, मरीजों के बैठने को चेयर, बेंच समेत अनेक सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं।

गाँवों में लाइब्रेरी समेत कई सुविधाएं दी

गाँवों में आम लोगों, विद्यार्थियों व युवाओं के लिए लाइब्रेरी भी स्थापित की गई हैं। साथ ही खिलाड़ियों के लिए खेल सुविधाएं मुहैया करा दी हैं। गांवों में युवाओं के लिए जिम स्थापित किए हैं। गांवों की गौशालाओं में शेड निर्माण के अलावा ट्रैक्टर-ट्राली के लिए आर्थिक मदद तक दी है। बैनीवाल की पहल पर गांवों में विशेष सफाई अभियान समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। इसमें गांव के हर सदस्य की भागीदारी होती हैै।

अब सरकार भी चलेगी मीनू की राह

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पहले कार्यकाल के दौरान सरकार ने मीनू बैनीवाल मॉडल पर एक योजना बनाई थी। दूसरे कार्यकाल में अब इसका स्वरूप बदला जाएगा। पूर्व में सरकार ने प्रवासी भारतीयों विशेषकर हरियाणवियों का आह्वान किया था कि वे अपने क्षेत्र के गांवों को गोद लेकर वहां सुविधाएं मुहैया कराएं। सरकार के साथ उन लोगों की भागीदारी से गांवों की कायापलट होगी। कुछ काम हुआ भी।

अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पेश किए गए बजट में सहभागिता-सरकारी-सामुदायिक भागीदारी और समर्पण (जीसीपी) का नया मॉडल विकसित करने की बात कही है। मतलब सरकार ऐलनाबाद की तर्ज पर प्रदेश के अन्य हलकों में भी सीएसआर फंड के दानवीर लोगों की मदद से विकास कार्यों को गति देगी।

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