बेमौसमी बारिश से फसलों का भारी नुक्सान, धान कटाई में देरी

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लुधियाना/जालंधर (सच कहूँ न्यूज)। करवाचौथ व्रत के दिन रविवार को लुधियाना, जालंधर सहित कई जिलों में जमकर बारिश हुई। देर रात करीब 12 बजे करीब 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ पहले आंधी आई। इस दौरान बादल गरजे और बिजली भी चमक रही थी। इसके बाद करीब एक बजे एकाएक बारिश ने दस्तक दी। तेज बारिश के बीच करीब चार बजे ओलावृष्टि भी शुरू हो गई, जो कि सुबह छह बजे तक जारी रही। आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से मौसम काफी ठंडा हो गया है। सुबह आठ बजे तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहा। ठिठुरन का अहसास हो रहा था। वहीं तेज बारिश व हवाओं ने किसानों, जमींदारों व आढ़तियों की समस्या बढ़ा दी है।

जैसे-जैसे किसान व जमींदार अपनी धान की फसल की कटाई करता है वो अपनी फसल को बिक्री के लिए मंडियों में ला रहा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बारिश से खेतों में पकाकर तैयार खड़ी धान, मक्की, कपास, गन्ना सहित सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ। फसलों भी जमीन पर बिछ गईं, जिसकी वजह से धान की कटाई में तो दिक्कत आएगी। वहीं कई जगह पर मंडियों में पड़ा धान भी भीग गया। यही नहीं पंजाब में मंडियों में धान की फसल लेकर पहुंचे किसानों की खुले में पड़ी धान के भीगने से परेशानी बढ़ गई है। किसानों के इससे भारी नुकसान होने की आशंका है।

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मटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान

सब्जी काश्तकारों का कहना है कि उनके द्वारा महंगे भाव के बीज लेकर काश्त की सब्जियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। उसके साथ ही सब्जियों की बुआई भी पिछड़ गई है। सब्जी उत्पादकों ने कहा कि उन्होंने बड़े पैमाने पर मटर की खेती की है, लेकिन ओलावृष्टि और बारिश ने मटर की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रति एकड़ जमीन में मटर की काश्त के समय उन्होंने 160 रुपए प्रति किलो मटरों का बीज प्रति एकड़ में 60 किलो बीजा है इसके साथ दो बोरिया डाई खाद 2400 रुपये की, पोटास 950 रुपये, कैलीबर खाद प्रति बोरी 750, डीजल का खर्च करीब चार हजार रुपये सहित 15 से 18 हजार रुपए प्रति एकड़ खर्च आया है।

गोभी की फसल खराब

एक किसान धर्मेद्रजीत सिंह का कहना है कि उन्होंने अधिक खर्च कर गोभी की काश्त की थी और गोभी की फसल महंगे भाव की पनीरी प्रति पौधा 60 पैसे खरीद कर प्रति एकड़ जमीन में 20 हजार पौधे की रोपाई के अलावा खाद आदि खर्चों सहित प्रति एकड़ गोभी की रोपाई के 20 हजार रुपये खर्च आ रहा है। जहां इस समय गोभी की फसल तैयार हो रही थी, वहीं आलावृष्टि व बारिश से गोभी भी बड़े स्तर पर खराब हो गई है। इसके अलावा बारिश से पालक, धनिया, बैंगन, हरी मिर्च आदि सब्जियां भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है।

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