RBI MPC Update: बैंकों से लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी, आरबीआई गवर्नर का बड़ा ऐलान

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RBI MPC Update बैंकों से लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी, आरबीआई गवर्नर का बड़ा ऐलान

Home Loan Fixed Rate Regime: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्जदारों को राहत पहुंचाने एवं उन्हें अपने ऋण के लिए ब्याज दरों के विकल्प के चयन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से फिक्स्ड दरों पर कर्ज लेने की सुविधा प्रदान करने जा रहा है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद गवर्नर शक्तकांत दास ने आज बयान जारी करते हुये कहा कि केन्द्रीय बैंक द्वारा की गई पर्यवेक्षी समीक्षा और जनता से मिली प्रतिक्रिया एवं संदर्भों से उधारकतार्ओं को उचित सहमति और संचार के बिना उधारदाताओं द्वारा फ्लोटिंग रेट ऋणों की अवधि को अनुचित रूप से बढ़ाने के कई मामले सामने आए हैं। RBI MPC Update

उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी ऋण देने वालों द्वारा लागू किए जाने वाले एक उचित आचरण ढांचे को स्थापित करने का प्रस्ताव है जिसमें ऋणदाताओं को अवधि या ईएमआई को रीसेट करने के लिए उधारकर्ताओं के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करना चाहिए, फिक्स्ड दर ऋण पर स्विच करने या ऋणों को बंद करने का विकल्प प्रदान करना चाहिए। इन विकल्पों के प्रयोग के लिए प्रासंगिक विभिन्न शुल्कों का पारदर्शी खुलासा करना चाहिए और उचित संचार करना चाहिए। उधारकतार्ओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी जारी की जानी चाहिए। इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे। RBI MPC Update

नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखना रियल एस्टेट के लिए महत्वपूर्ण कदम

 रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा नीतिगत दरों विशेषकर रेपो दर को लगातार तीसरी बार यथावत बनाये रखने का रियल एस्टेट उद्योग ने स्वागत करते हुये आज कहा कि यह इस क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। नरेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन बन्देलकर ने कहा, ‘रेपो दरों को आरबीआई द्वारा अपरिवर्तित रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। ब्याज दरों में स्थिरता से उन डेवलपरों को राहत मिलेगी जो एक जटिल आर्थिक परिदृश्य से गुजर रहे हैं। अपरिवर्तित दरें कुछ हद तक दीर्घकालिक परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए एक आवश्यक स्थिति प्रदान करती है।

इसके साथ ही यह निर्णय सेक्टर की स्थिरता की आवश्यकता के साथ अच्छी तरह से मेल भी खाता है और एक सकारात्मक माहौल को बढ़ावा देता है। हालाँकि, हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक उभरते बाजार की गतिशीलता के प्रति सचेत रहेगा और विकासोन्मुख उपायों का समर्थन करना जारी रखेगा। रियल एस्टेट डेवलपरों का निकाय विभिन्न आर्थिक कारकों पर विचार करते हुए आरबीआई द्वारा किए जा रहे सावधानीपूर्वक संतुलन कार्य को स्वीकार करता है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हम एक मजबूत रियल एस्टेट क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए सेक्टर और नियामक अधिकारियों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की आशा करते हैं जो देश के आर्थिक पुनरुत्थान में योगदान दे।

त्रेहान ग्रुप के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहान ने कहा ‘ रेपो रेट को अपरिवर्तित बनाए रखने से रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए विकास के आंकड़े समान रहेंगे। आवास की मांग लगातार बढ़ रही है और आरबीआई की नीति रियल एस्टेट परिसंपत्तियों में पैसा लगाने की योजना बना रहे खरीदारों की संपत्ति-अनुकूल भावनाओं में काफी मूल्य जोड़ रही है। आरबीआई के इस कदम से मुद्रास्फीति की दरें और कम हो जाएंगी, जो निस्संदेह कम हो रही है लेकिन कंस्ट्रक्शन संबंधित क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है और समग्र आर्थिक माहौल को बाधित कर रही है। आरबीआई को 4 प्रतिशत के अपने मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्णय करने के लिए प्रेरित किया गया है और रेपो रेट को अपरिवर्तित रखकर यह अपने उद्देश्यों को महत्वपूर्ण रूप से प्राप्त करेगा।

गंगा रियल्टी के संयुक्त प्रबंध निदेशक विकास गर्ग ने कहा कि आरबीआई के इस निर्णय से आवास की मांग को स्थिर करने और संपत्ति बाजारों में सकारात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। रेपो दर को अपरिवर्तित रखकर आरबीआई ने उद्योग-अनुकूल रुख की मौद्रिक नीति को बनाए रखा है जो रुझानों के समेकन का समर्थन करेगा। यह रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छे परिणाम देगा और इसके अलावा व्यापक आर्थिक स्थितियों को स्थिर रखने में भी मदद करेगा।

इमामी रियल्टी के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. नितेश कुमार ने आरबीआई नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति के बावजूद आरबीआई ने रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखा है। इससे घर खरीदने की भावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों के अलावा, देश की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। समग्र बाजार विश्वास को बढ़ावा देने और घर खरीदने को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए मौजूदा नीति दरों को जारी रखना और संभवत: ब्याज दरों में और कमी करना बेहतर होगा। रियल एस्टेट के लिए त्योहारी सीजन के दौरान इस नीतिगत निर्णय से घरेलू खपत और एनआरआई मांग बढ़ने की उम्मीद है।

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