मैं 6 बार विधायक रहा हूं, निगम आयुक्त मेरा फोन नहीं उठाते…’

I have been an MLA 6 times, Corporation Commissioners do not pick up my phone

पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजी शिकायत

गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज)। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त के खिलाफ हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को शिकायत भेजी है। उन्होंने शिकायत में कहा कि मैं 6 बार विधायक रहा हूँ। कई बार मंत्री और सीएलपी लीडर भी रहा हूँ। इसके अलावा 2019 में गुुरुग्राम लोकसभा से चुनाव भी लड़ा था। मेरे जैसे जनता के प्रतिनिधि तक का फोन निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह नहीं उठाते हैं तो फिर आम जनता की क्या जिम्मेदारी निभा रहे होंगे।

कैप्टन अजय यादव ने कहा कि कोरोना काल में बहुत से अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आ रहे हैं। कैप्टन अजय सिंह यादव ने चंडीगढ़ में स्पीकर से मिलकर लिखित में विनय प्रताप सिंह की शिकायत की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि विनय प्रताप सिंह, जिनको कोरोना काल में गुरुग्राम का नोडल अधिकारी भी बनाया है। गुरुग्राम के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के अलावा अन्य जिम्मेदारी इन दिनों नगर निगम कमिश्नर विनय प्रताप सिंह देख रहे हैं। लेकिन वो अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा रहे हैं। वे न तो किसी से मिलते हैं और न ही किसी का फोन उठाते हैं।

अपनी शिकायत में कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि जैसा कि आपको पता ही है कि कोरोना महामारी ने अपने पैर जमा लिए हैं। गुरुग्राम में बहुत से लोग महामारी के शिकार हो चुके हैं। ऐसे में बहुत से लोग मदद के लिए उनके पास फोन करते हैं। कैप्टन ने कहा कि उनके द्वारा कई बार प्रयास करने के बाद भी निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह फोन नहीं उठाते हैं और न ही किसी मैसेज का जवाब देते हैं। गत 1 व 2 मई को करीब 15 बार विनय प्रताप सिंह को फोन किया व मैसेज भी किए। लेकिन एक बार भी कोई जवाब नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि पूरे गुरुग्राम में हाहाकार मचा हुआ है, अस्पतालों में जगह नहीं है, आक्सीजन नही है, वेंटिलेटर नहीं हैं, रोजाना बेकसूरों की जान रही है और अधिकारियों का ऐसा रवैया समझ से परे है। जनता को स्वयं ऑक्सीजन, स्वयं वेंटिलेटर और स्वयं ही दवाईयां ढूंढनी पड़ रही हैं। इसलिए मेरा आपसे निवेदन है कि ऐसे समय में भी जो अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा हो, ऐसे अधिकारी के खिलाफ मामले को संज्ञान में लेते हुए ऐसे लापरवाह अधिकारी पर उचित कार्रवाई की जाए।

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