दुनिया में बढ़ा भारत का गौरव

India's Pride

प्रधानमंत्री की जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया (Australia) की यात्रा का समापन हो गया है। प्रधानमंत्री ने भारत लौटकर कहा है कि मैं विश्व के महापुरुषों के सामने भारत के सामर्थ्य की बात करता हूँ, भारत के युवाओं के टेलेंट की बात करता हूँ उन्हें बताता हूँ कि भारत के युवा अवसर मिलने पर पराक्रम दिखाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हिन्दुस्तान की संस्कृति व महान परंपराओं के बारे में आत्मविश्वास से अगर बात करोगे तो दुनिया सुनने को आतुर है। नि:सन्देह हमारी पुरातन व समृद्ध संस्कृति दुनिया का मार्गदर्शन करती रही है, तभी तो भारत दुनिया का गुरु देश कहलाता था।

पूज्य गुरु Saint Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan भी अपने सत्संगों में फरमाते हैं कि पूरी दुनिया में भारत की संस्कृति महान है। आज के आधुनिक युग में जब नई-नई बीमारियों व समस्याओं का आगाज हो रहा है, ऐसे में इन सबका समाधान हमारी संस्कृति में पहले से ही है। नि:सन्देह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में भारत की संस्कृति और सभ्यता का प्रभाव छोड़ा है और विश्व का ध्यान भारतीय परंपराओं की ओर आकर्षित किया है। संकट की घड़ी में अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर पड़ोसी की मदद करना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। कोरोना के दौर में जब विश्व में वैक्सीन के लाले पड़े थे तो भारत ने गरीब मुल्कों को वैक्सीन दी।

बेशक देश में विरोधियों द्वारा प्रधानमंत्री (PM) की आलोचना भी की गई, लेकिन प्रधानमंत्री के इस निर्णय से दुनिया में भारत की सोच को सम्मान मिला और भारत के प्रति उनका नजरिया बदला। विश्व में कोई भी महत्वपूर्ण घटना हो तो दुनिया आज जानना चाहती है कि भारत इस बारे में क्या सोच रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो आज भारत ने अर्जित की है। रूस और यूक्रेन युद्ध में भी विश्व ने भारत के स्टैंड की तारीफ की। विश्व में शाति स्थापित करने के उद्देश्य से भारत का निर्भिक होकर अपना पक्ष रखना आज विश्व में भारत की धाक का परिचायक है।

प्रधानमंत्री ने विदेश वापसी पर भी यही संदेश दिया है कि भारत की सभ्यता, संस्कृति के बारे में जब कहीं बात करें तो कभी गुलामी की मानसिकता में न डूबना बल्कि हिम्मत के साथ बात कीजिये दुनिया आज भारत को सुनने और जानने के लिए भी आतुर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, पक्ष व विपक्ष के सांसदों का आना नि:संदेह भारत के लिए गौरव की बात है।

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