इसरो: कल सुबह उपग्रह रिसेट-2बी का प्रक्षेपण, आपदा प्रबंधन और सुरक्षाबलों को मिलेगी मदद

ISRO: The launch of satellite reset-2B tomorrow

यह उपग्रह श्रीहरिकोटा से पीएसएलबी-सी46 के जरिए सुबह 5:27 बजे लॉन्च किया जाएगा

चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक और मिशन के लिए तैयार है। 22 मई को सुबह 5:27 बजे तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा (ISRO: The launch of satellite reset-2B tomorrow) से रिसेट-2बी उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा। यह प्रक्षेपण पीएसएलबी-सी46 से होगा। यह रिसेट सैटेलाइट सीरीज का चौथा उपग्रह है। इसका उपयोग टोही गतिविधियों, रणनीतिक निगरानियों और आपदा प्रबंधन में किया जाएगा। रिसेट की सेवा निरंतर बनी रहे, इसके लिए 300 किलोग्राम के रिसेट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर को भेजा जाएगा।

यह उपग्रह 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा। रीसेट-2 के लगभग सात साल के बाद भारतीय-राडार इमेजिंग उपग्रहों की सीरिज में रीसेट-2बी की लाॅन्चिंग हो रही है।

‘सार’ करेगा रिसेट-2 की कमी दूर

इसरो के सूत्रों के मुताबिक, बादल छाए होने पर रेगुलर रिमोट सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग सेटेलाइट जमीन पर मौजूद चीजों की स्थिति ठीक से नहीं दर्शा पाते। सार इस कमी को पूरा करेगा। यह हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश हो रही हो ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी कर सकता है। इससे आपदा राहत कार्य में लगे लोगों और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी।

रिसेट के 6 सैटेलाइट लॉन्च की योजना

इसरो ने निकट भविष्य में रिसेट जैसे कम से कम छह सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बनाई है। इनमें रिसेट-2बी के बाद रिसेट-2बीआर1, रिसेट-2बीआर2, रिसेट-1ए, रिसेट-1बी, रिसेट2ए प्रमुख हैं। ये सभी सैटेलाइट अंतरिक्ष में लगभग 500 किमी की ऊंचाई से ही देश की टोही क्षमता बढ़ाएंगे।

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