अब लोगों का नहीं होगा समय बर्बाद, मनोहर लाल खट्टर का बड़ा ऐलान

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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर आज पूरे मूढ़ में नजर आए।

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) आज पूरे मूढ़ में नजर आए, उन्होंने हरियाणा वासियों के लिए 4 बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने घोषणा की है कि हरियाणा में अब कुंवारों के साथ ही विधुरों को भी पेंशन मिलेगी। साथ ही तहसीलदारों की तरह उपजिलाधिकारी और जिला रेवेन्यू अधिकारियों को भी जमीन की रजिस्ट्री करने का अधिकार दिया। खट्टर ने कहा कि इंतकाल के लिए लोग चक्कर काटते-काटते थक जाते थे, यहां तक कि इंतकाल हो जाने के बावजूद भी उन्हें धक्के खाने पड़ते थे। अब सरकार ने ऐसी सुविधा हरियाणा वासियों के लिए शुरू कर दी है कि उन्हें इसके लिए अब चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। Haryana News

इंतकाल की सुविधा सिर्फ 10 दिनों में | Haryana News

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नए इंतकाल को समयबद्ध सीमा में ऑनलाइन किया जाएगा। रजिस्ट्री होने के बाद उसे 10 दिन तक पोर्टल पर डाल दिया जाएगा। इस अवधि में यदि कोई आॅब्जेक्शन नहीं आता है तो अपने आप ही व्यक्ति का नाम रजिस्ट्री में बदल जाएगा। आॅब्जेक्शन आने के बाद खुद ही फाइल संबंधित एसडीएम के पास पहुंच जाएगी। ऐसी ही सभी एसडीएम अपने मुख्यालय या डीआरओ भी तहसीलदारों के अलावा यह काम कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि कुछ समय के बाद ऐसी योजना सरकार बना रही है कि पूरे जिले की रजिस्ट्री हम किसी भी आॅफिस में करा सकेंगे। अभी सिर्फ तहसील स्तर पर ही यह व्यवस्था शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था ऐसी बना देंगे कि सीधे जाओ और रजिस्ट्री कराकर वापस आ जाओ।

विधुरों के लिए भी पेंशन शुरू

मुख्यमंत्री के अनुसार हरियाणा सरकार 45 से 60 साल के कुंवारों को पेंशन देने की घोषणा कर चुकी है। अब सरकार उन पुरुषों को जिनकी पत्नी की मौत हो चुकी है और वह विधुर हो गए हैं, उन्हें भी पेंशन देगी। सीएम ने कहा कि जिन पुरुषों की आय 3 लाख रुपए तक है, उन्हें भी पेंशन का लाभ मिलेगा।

कुंवारों के लिए भी पेंशन का ऐलान | Haryana News

सीएम ने कहा कि हरियाणा में 71 हजार ऐसे लोग हैं जिनकी आय 1 लाख 80 हजार तक है और वह 40 से 60 वर्ष की आयु के दायरे में आते हैं, सरकार उन्हें भी पेंशन देगी। सरकार को इसके लिए हर महीने 20 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। इस पेंशन योजना से 240 करोड़ रुपए सालाना का अतिरिक्त भार सरकारी खजाने पर पड़ेगा।

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