हरियाणा के निजी स्कूलों के लिए जी का जंजाल बना रिन्यू व रिव्यू का फेर

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रिव्यू के नाम पर दोबारा फार्म नंबर दो न भरने पर अड़े निजी स्कूल

हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। हरियाणा प्रदेश के निजी स्कूलों (Private School) के लिए शिक्षा निदेशालय का स्थाई मान्यता रिन्यू करवाने का आदेश जी का जंजाल बना हुआ है। शिक्षा निदेशालय ने जहां मान्यता रिन्यू करवाने के लिए सर्कुलर जारी किया है। वहीं निजी स्कूल संचालक मान्यता रिव्यू की बात कर रहे हैं। इसी बात को लेकर प्रदेश का शिक्षा विभाग व निजी स्कूल संचालक यूनियन आमने-सामने हैं।

शिक्षा निदेशालय जहां 10 साल पुरानी स्थाई मान्यता वाले स्कूलों के लिए फार्म नंबर दो भरना जरूरी बता रहा है तो निजी स्कूल संचालकों का तर्क है कि उनकी मान्यता पर साफ तौर पर 10 साल बाद रिव्यू का शब्द लिखा हुआ है। बस इसी फेर में निजी स्कूल संचालक उलझे हुए हैं। प्राइवेट स्कूल संघ ने दस वर्ष बाद स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों से दोबारा से दो नंबर फार्म भरने के आदेश को रद्द करने, नौंवी से 12वीं कक्षा की एडमिशन डेट को बढ़ाने व चिराग योजना के आवेदन का एक मौका और देने की मांग की है।

शिक्षा बोर्ड भिवानी हर वर्ष भरवाता है निरंतरता फार्म | Private School

प्राइवेट स्कूलसंघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि शिक्षा विभाग व शिक्षा बोर्ड दोनों हर वर्ष स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की समीक्षा पहले से ही कर रहे हैं। शिक्षा विभाग हर वर्ष स्थाई मान्यता प्राप्त वाले स्कूलों से फार्म नंबर छह व यू डाइज भरवाता है, जिसमें स्कूल की सारी जानकारी दी जाती है। इसी तरह शिक्षा बोर्ड भिवानी भी हर वर्ष स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों से निरंतरता फार्म भरवाता है, जिसमें स्कूल का सारा विवरण भरा जाता है और इसकी एवज में दो हजार

रूपए प्रति वर्ष निरंतरता शुल्क भी लिया जाता है। उन्होंने कहा कि ये समीक्षा ही तो है। दो नंबर फार्म तो मान्यता के लिए होता है, जोकि केवल एक बार ही भरना होता है, जिसके आधार पर स्थाई मान्यता मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी संगठनों ने फैसला लिया है कि कोई भी स्कूल दोबार से दो नंबर फार्म नहीं भरेगा।

नौंवी से 12वीं तक एडमिशन डेट भी बढ़ाने की मांग | Private School

नौंवी से 12वीं तक एडमिशन डेट 31 मई निर्धारित की गई थी, लेकिन इसके बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश हो गया। ऐसे में अभी भी बहुत से बच्चे दाखिले से वंचित है। इसलिए एडमिशन डेट बढ़ाई जाए। साथ ही एक लाख 80 लाख रूपए से कम वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों के बच्चों के लिए शुरू की गई चिराग योजना के आवेदन करने का एक मौका और दिया जाए, क्योंकि पहले आवेदन की तिथि चार अपै्रल से 12 अपै्रल तक थी। इसलिए कम समय मिलने के कारण गरीब अभिभावकों को इसका पता नहीं चल पाया और वे अपने बच्चों के आवेदन करने से वंचित रह गए और प्राइवेट स्कूलों में चिराग योजना की आधे से भी ज्यादा सीटें खाली रह गई। Private School

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