शहीद की बेटी बनी सब-इंस्पेक्टर

Martyr's Daughter Sachkahoon

मूल रूप से यमुनानगर की रहने वाली है नैंसी

सच कहूँ/देवी लाल बारना कुरुक्षेत्र।  ‘‘मुसीबतों से ही निखरी है, इंसान की शख्सियत, जो चट्टानों से न टकराए, वो झरना किस काम का।’’ ऐसा ही एक उदाहरण बनी हैं कुरुक्षेत्र की बेटी नैंसी। नैंसी के पिता मंगतराम 2002 में राजौरी में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। नैंसी ने पिता की शहादत के बाद परिवार में आई परेशानियों का सामना किया। मजबूत हौसले के बल हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर बनी है।

सेक्टर-2 निवासी नैंसी ने बताया कि वह मूल रूप से यमुनानगर के गांव फतेपुर निवासी है। उसके पिता मंगतराम आर्मी सप्लाई कोर (एएससी) में नौकरी करते थे। उनकी 2002 में जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में ड्यूटी थी। उनकी इस दौरान गोली लगने से शहीद हो गए थे। सरकारी नौकरी के लिए हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर का फार्म भरा। इसके लिए एक साल की कोचिंग ली, अब उसका चयन सब इंस्पेक्टर के लिए हो गया है। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की पारदर्शी नीतियों के चलते हुआ है।

नैंसी की माँ सुनीता रानी ने बताया कि उसके पिता की मौत के समय नैंसी की उम्र ढाई साल थी। वह अक्सर अपने पिता के बारे में पूछती थी और सरकारी नौकरी में जाना चाहती थी। उसकी बेटी को योग्यता के आधार पर सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली है।

परिवार का बनना चाहती थी सहारा

नैंसी ने बताया कि उसने दयानंद कालेज से कंप्यूटर साइंस में बीएससी पास की है। उसकी माँ सुनीता रानी गृहिणी है और भाई गौरव 10वीं कक्षा में पढ़ता है। वह सरकारी नौकरी पाकर अपने परिवार का सहारा बनना चाहती थी। ग्राम सचिव की परीक्षा रद होने के बाद उसने अपना हौसला बनाए रखा।

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