कोरोना के खिलाफ युद्ध खत्म नहीं, अभी हथियार नहीं डालने : मोदी

Pradhan Mantri Gati Shakti Yojana

त्यौहारों को पूरी सतर्कता से मनाना है, हमें मास्क को सहज स्वभाव बनाना होगा: मोदी

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भले ही देश में एक अरब टीके लगाए गए हों लेकिन अभी कोरोना के खिलाफ युद्ध खत्म नहीं हुआ है इसलिए सभी को पूरी सतर्कता बरतनी है तथा हथियार नहीं डालने हैं। देश में एक अरब टीके लगाए जाने की उपलब्धि पर शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में मोदी ने कहा कि अभी त्योहारों का मौसम आ रहा है और इस दौरान हम सबको पूरी सतर्कता बरतनी है क्योंकि कोरोना महामारी से अभी पूरी तरह निजात नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है इसलिए किसी को भी हथियार नहीं डालना है और अपने कवच भी पहने रखने हैं। उन्होंने कहा कि जैसे हम घर से बाहर जाते समय जूते पहनना नहीं भूलते, इसी तरह हमें मास्क को भी नहीं भूलना है और इसे सहज स्वभाव में अपने जीवन में अपनाना है।

कोरोना के दौरान कृषि ने अर्थव्यवस्था को सुधारा: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगवानी है। उन्होंने कहा कि यदि हम कोरोना के खिलाफ अपने कवच पहने रखेंगे तो निश्चित रूप से हमारी जीत होगी। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को देश ने कोविड महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक अरब टीकाकरण का असाधारण पड़ाव पार कर ऐतिहासिक सफलता हासिल की है।

 पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपनी बात की शुरुआत एक वेद वाक्य के साथ करना चाहता हूं। इस बात को भारत के संदर्भ में देखें तो सीधी सी बात यह है कि हमारे देश ने एक ओर कर्तव्य का पालन किया तो दूसरी ओर उसे सफलता भी मिली। कल 21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया। इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति लगी है। इसलिए यह सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है। मैं इसके लिए सभी देशवासियों को हृदय से बधाई देता हूं। साथियों 100 करोड़ वैक्सीन डोज, केवल आंकड़ा नहीं है।

यह देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब है। इतिहास के नए अध्याय की रचना है। यह उस नए भारत की तस्वीर है, जो कठिन लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें हासिल करना जानात है। यह उस भारत की तस्वीर है, जो अपनी सिद्धी के लिए परिश्रम करता है। आज कई लोग भारत के टीकाकरण की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया है, उसकी सराहना भी हो रही है। लेकिन इस विश्लेषण में एक बात छूट जाती है कि हमने यह शुरुआत कहां से की। दुनिया के दूसरे देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, खोजना, उसमें वे महारथ थे।

देशवासी मेड इन इंडिया को जनांदोलन बनायें : मोदी

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड के 100 करोड़ टीकों को लेकर भारत के स्वदेश निर्मित वैक्सीन कार्यक्रम की सफलता के साथ आर्थिक तरक्की के संकेतों का उल्लेख करते हुए आज देशवासियों का आह्वान किया कि वे मेड इन इंडिया को एक जनांदोलन बनायें और स्वदेश निर्मित वस्तुएं खरीदने को अपना सहज व्यवहार बनायें। मोदी ने शु्क्रवार सुबह राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि वैक्सीन के बढ़ते कवरेज के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं। आज चारों ओर विश्वास, उत्साह एवं उमंग का वातावरण है। सौ करोड़ टीकों के साथ भारत को आज विश्व में एक अधिक सुरक्षित देश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ और देश-विदेश की अनेक एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक है। आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आ रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे है। स्टार्ट अप्स में रिकॉर्ड निवेश के साथ ही रिकॉर्ड स्टार्ट अप्स, यूनीकॉर्न बन रहे है। सुधारों के साथ गतिशक्ति और ड्रोन नीति भी भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले हैं। कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने हमारी अर्थव्यवस्था aको मजबूती से संभाले रखा। आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं।

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