कहीं भारी न पड़ जाए मानसून की मेहरबानी

  • भारी बारिश,फसलें व शहरों की सड़कें बनी समंदर

  • अभी 3 अगस्त तक जारी रहेगी बरसात

  • हिसार में डेढ़ घंटे में 85 एमएम हुई बारिश

हिसार। (सच कहूँ/संदीप सिंहमार) मानसूनी बारिश का दौर जारी है। रविवार को हरियाणा, राजस्थान पंजाब व दिल्ली सहित संपूर्ण उत्तर भारत में बारिश हुई। इस दौरान हरियाणा के अधिकतर हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश दर्ज की गई तो राजस्थान के कुछ जिलों में भी मानसूनी बारिश में अपने 11 साल पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। हरियाणा के हिसार जिले में तो इतनी तेज बारिश हुई कि करीब डेढ़ घंटे में 85 एमएम पानी गिरा। पहले से ही बरसाती पानी निकासी की मांग कर रहे लोगों में प्रशासन के मस्तक पर रविवार की बारिश ने चिंता की लकीरें खींच दी।

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अभी बारिश का ही दौर कुछ दिन और जारी रहेगा। यदि इसी तरह पानी गिरता रहा तो मानसून की मेहरबानी भारी पड़ सकती है, क्योंकि कई प्रदेशों में बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। वर्तमान में हो रही तेज बारिश से जहां किसानों की फसलें जलमग्न हो गई है वहीं शहर की सड़कें भी पानी की निकासी न होने की वजह से समंदर बन चुकी है। इस बार शुरुआत में जहां मानसून की गति धीमी नजर आ रही थी, लेकिन जैसे ही जुलाई के अंतिम सप्ताह के दिन बीते गए मानसून की बारिश भी अपने चरम पर पहुंची गई।

हरियाणा में 25 फीसदी अधिक हुई बारिश

भारत मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक हरियाणा प्रदेश में सामान्य से 25 फ़ीसदी अधिक मानसून की बारिश दर्ज की गई है। वहीं पश्चिमी राजस्थान मे सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई श्रीगंगानगर और जोधपुर में तो भारी बारिश के कारण बचाव कार्य के लिए सेना को भी बुलाना पड़ा। भारत मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत में जहां 3 अगस्त तक मध्यम से तेज बारिश की संभावना बनी रहेगी। वहीं उत्तराखंड और झारखंड में भी 2 अगस्त तक भारी बारिश होगी। इसके साथ-साथ आगामी 5 दिनों तक मणिपुर,त्रिपुरा हिमाचल, प्रदेश सिक्किम, नागालैंड मेघालय,असम में भी भारी बारिश का अनुमान है। उत्तर भारत में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पश्चिमी राजस्थान में भी एक बार फिर तेज बारिश हो सकती है।

ऐसे बन रहा बारिश का संयोग

मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति के उत्तर की तरफ होने से बंगाल की खाड़ी से नमी वाली मानसूनी हवाओं के प्रभाव से 28 जुलाई से 31 जुलाई के दौरान ज्यादातर स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। हरियाणा के 18 जिलों में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। परंतु 4 जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई है। सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले फतेहाबाद, कैथल, झज्जर, कुरूक्षेत्र, पानीपत व रेवाड़ी है। सबसे कम बारिश फरीदाबाद,सोनीपत, यमुनानगर व अंबाला जिलों में दर्ज की गई है।

मौसम पूर्वानुमान

मानसून टर्फ़ अब फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, अगरतला होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इसकी अक्षय रेखा का पश्चिमी सिरा सामान्य स्तिथि में उत्तर की तरफ होने से 1अगस्त से 3अगस्त के दौरान उत्तरी हरियाणा के जिलों में ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। परंतु दक्षिण व पश्चिमी क्षेत्रों के जिलों में मौसम परिवर्तनशील व कहीं कहीं हल्की बारिश की संभावना बनी रहेगी।
डॉ मदन खीचड़
विभागाध्यक्ष
कृषि मौसम विज्ञान विभाग
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार।

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