नई दिल्ली (एजेंसी)। पिछले कुछ दिनों से गर्मी से मिल रही राहत का दौर अब थम सकता है। सप्ताह की शुरुआत सोमवार से तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। लोगों को एक बार फिर भीषण गर्मी और उमस से रूबरू होना पड़ेगा। वहीं, दिल्ली में मानसून समय से पूर्व दस्तक दे सकता है। स्काईमेट वेदर के अनुसार इस साल मानसून दिल्ली में 6 से 7 दिन पूर्व आ सकता है। 22 जून के आसपास दिल्ली-एनसीआर में मानसून की दस्तक हो सकती है।
स्काईमेट के अनुसार मानसून की चाल से लग रहा है कि यह न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे देश में मानसून समय से पूर्व पहुंचेगा। हालाकि पूर्वानुमान में दो से तीन दिन ऊपर नीचे हो सकते हैं। स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत के अनुसार पूर्व और उत्तर भारत में मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तरी-पश्चिमी मैदानी इलाकों तक आते आते इसकी रफ्तार में कुछ कमी जरूर आएगी। लेकिन, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में मानसून समय से पहले ही आएगा।
25 जून तक यह देश के ज्यादातर हिस्सों को कवर कर लेगा। इसमें पश्चिमी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्से भी शामिल होंगे। पूर्वानुमान में दो से तीन दिन ऊपर-नीचे होने की संभावना भी बनी रहती है। 1998 में मानसून 16 जून को दिल्ली पहुंचा था। मध्य दिल्ली के कई इलाकों में लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। पानी की आपूर्ति नियमित न होने और गंदा पानी आने की वजह से यह समस्या कुछ दिनों से बनी हुई है। मजबूरी में लोगों को बाजार से पानी खरीदकर लाना पड़ रहा है। लोग पानी को लेकर रतजगा भी कर रहे हैं। इसके बावजूद लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है।
सदर बाजार, पहाड़गंज, चूना मंडी, मंटोला, मोतिया खान, करोलबाग, डोरीवालान, मानकपुरा, आनंद पर्वत, वेस्ट पटेल नगर व बलजीत नगर सहित कई अन्य इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित है। लोगों का आरोप है कि कुछ दिनों से यह समस्या बनी हुई है। गर्मी का मौसम होने के बावजूद पानी की परेशानी को दूर करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड कोई उचित कदम नहीं उठाता है। मानकपुरा निवासी प्रवीण गुप्ता के मुताबिक भीषण गर्मी के मौसम में लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हाल रहा था, उसके बाद भी पानी की समस्या को दूर करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के पास पानी की शिकायत लेकर जाते हैं तो उनकी तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है। बाजार से पानी खरीदकर लाना पड़ रहा है, जिसका असर घर के बजट पर भी पड़ता है। कुछ ऐसा ही कहना दूसरे लोगों का भी था।