कामकाज छोड़ मास्क बनाने में जुटी सरपंच की पत्नी

Service of Humanity

अब तक ग्रामीणों को नि:शुल्क बांटे जा चुके हैं 1200 से ज्यादा मास्क

करनाल/इंद्री (सच कहूँ/रोहित लामसर)। कोरोना की महामारी के कारण व लॉक डाऊन के चलते जहां पूरे देशभर में मास्क और सैनेटाईजर की कालाबाजारी हो रही है। कई स्थानों पर तो मास्क ढूंढने से भी नही मिल रहे, क्योंकि स्वास्थय विभाग की गाईडलाईन के अनुसार यदि आपको कोरोना से बचना है तो अपना मुंह रूमाल अथवा मास्क से ढककर चलें, लेकिन बाजारों में मास्क भी कमी को भांपकर गांव उड़ाना के सरपंच सुरेंद्र उड़ाना की पत्नी गीता उड़ाना अपनी चार सहेलियों के साथ घर का कामकाज छोड़कर अपने घर में ही मास्क बनाने में जुटी है और साथ ही साथ इन्हें गांव के लोगों को निशुल्क बांट भी रही है।

अभी तक युवा सरपंच सुरेंद्र उड़ाना की पत्नी गीता उड़ाना, कोमल, काजल, सोनिया व सीमा यह चार सहेलियां 1200 से अधिक मास्क बना चुकी हैं और लगातार उनका यह अभियान जारी भी है। जानकारी देते हुए गांव के सरपंच सुरेंद्र उड़ाना ने बताया कि जब लॉक डाऊन के दौरान उनकी पत्नी घर पर ही रहती थी, तो उन्होंने अपनी सहेलियों के साथ मिलकर सोचा कि क्यों न वह भी घर पर ही बैठकर देशसेवा के लिए कुछ करें। सिलाई का काम उन्हें आता ही था, बस उन्होंने देर न लगाते हुए मास्क बनाने की सोची और मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया। सरपंच सुरेंद्र उड़ाना ने बताया कि अब तक 1200 से ज्यादा मास्क बनाकर नि:शुल्क बांटे जा चुके हैं।

जज्बे को देखकर हर कोई हैरान

गांव उड़ाना के सरपंच सुरेंद्र उड़ाना की धर्मपत्नी गीता उड़ाना समेत उनकी चार सहेलियों कोमल, काजल, सोनिया व सीमा के जज्बे को देखकर हर कोई हैरान हैं, क्योंकि यह घर का कामकाज करने की बजाए कई दिनों से मास्क बनाने में जुटी हुई हैं, जो भी कोई घर पर आता, वह इनसे निशुल्क मास्क लेता और इनके इस सेवाभाव के कार्य की सराहना भी कर रहा। सरपंच की धर्मपत्नी गीता उड़ाना, कोमल, काजल, सोनिया व सीमा से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वह डी.सी निशांत यादव के आदेशानुसार घर पर ही रहकर लोगो की सेवा में लगे हुए हैं।

 

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