क्लर्क को एक दिन की जेल से बदली राजस्व रिकॉर्ड की किस्मत

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रिकॉर्ड नहीं ढूंढ पाने की वजह से अदालत ने कैथल के क्लर्क को भेजा था जेल

  • अब एक क्लिक पर उपलब्ध होगा सारा जमीनी रिकार्ड

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। कैथल के एक क्लर्क को अदालत ने इसलिए एक दिन के लिए जेल भेजा दिया था कि वह समय पर राजस्व रिकॉर्ड अदालत में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत नहीं कर पाया था। क्लर्क के लिए यही सजा आज प्रदेश के राजस्व विभाग में बड़े बदलाव का प्रतीक बनी है। सरकार ने उस घटना के बाद से निर्णय लिया कि राजस्व विभाग को डिजिटल किया जाएगा, ताकि एक क्लिक पर कहीं का भी रिकॉर्ड उपलब्ध हो सके। रविवार को हरियाणा के सभी 22 जिलों का पूरा राजस्व रिकॉर्ड डिजिटल हो गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसका शुभारंभ किया।

जानकारी के अनुसार कैथल के राजस्व विभाग का एक मामला अदालत में विचाराधीन था। उस मामले में अदालत की ओर से संबंधित अधिकारी को रिकॉर्ड सहित तलब किया था। फाइलों में खूब माथापच्ची करने के बाद भी राजस्व विभाग का क्लर्क अदालत में रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाया। इस कारण उसे अदालत की नाराजगी झेलनी पड़ी। साथ ही एक दिन के लिए उसे जेल जाना पड़ा। यही घटना प्रदेश में एक बड़े बदलाव का कारण बनी है। वैसे तो सरकार ने डिजिटल इंडिया का नारा दे रखा है, लेकिन सब कुछ अभी डिजिटल नहीं हो पाया है। जो डिजिटल हो चुके हैं, उस सूची में अब राजस्व विभाग का भी नाम जुड़ गया है। सरकार ने क्लर्क के जेल जाने के बाद इस बात का निर्णय लिया कि सभी रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा, ताकि एक क्लिक पर संबंधित व्यक्ति का पूरा ब्यौरा सामने हो।

साढ़े 18 करोड़ से अधिक दस्तावेज किए स्कैन

इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में अधिकारियों, कर्मचारियों ने खूब मेहनत की है। प्रदेश में करीब साढ़े 18 करोड़ से भी अधिक दस्तावेजों को स्कैन करके डिजिटाइल किया गया है। गुरुग्राम जिला में लगभग 80 लाख राजस्व दस्तावेज किए गये हैं। उसके बाद उन्हें डिजीटलाईज किया गया है। 25 दिसम्बर 2019 सुशासन दिवस से शुरू किया गया था राजस्व रिकार्ड का डिजीटाईजेशन कार्य। अब जमीन की नकल या फरद लेने में कोई कठिनाई नहीं आएगी। एक क्लिक पर डेटा उपलब्ध होगा।

राजस्व रिकॉर्ड को गठरियों से मिली मुक्ति

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले गठरियों में यह सारा रिकॉर्ड बंधा रहता था। यह रिकार्ड आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में इस रिकार्ड को भी गठरी से आजादी मिली है। पहले 7 से 10 दिन का समय लगता जमीन की नकल या फरद लेने में लगते थे, अब रिकार्ड रूम का कर्मचारी कम्प्यूटर में क्लिक करके जल्द उपलब्ध नकल उपलब्ध करवा पाएगा। राजस्व रिकार्ड के खराब या गुम होने या निहित कारणों से जान-बूझकर गुम करने की समस्या से निजात मिलेगी।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास राजस्व विभाग का कार्यभार भी है। उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर 2019 सुशासन दिवस से राजस्व रिकार्ड का डिजीटाईजेशन कार्य पूरे प्रदेश में शुरू किया गया था, जो दो साल से भी कम समय में पूरा कर लिया गया है।

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