70 साल के बाद हरियाणा के इस गांव में सर्वसम्मति बनेगा सरंपच

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पंचायत चुनाव में सर्वसम्मति की मुहिम लाने लगी रंग

जींद (सच कहूँ न्यूज)। पंचायत चुनाव (panchayat election haryana) में मतदान से पहले ही सर्वसम्मति से पंचायत चुने जाने को लेकर गांव आगे आने लगे हैं। गांव रूपगढ़ से चली सर्वसम्मति की मुहिम अब रंग लाने लगी है। जिले में रुपगढ़ के बाद सफाखेड़ी में भी सर्वसम्मति से सरपंच पद को लेकर प्रत्याशी पर मोहर लग चुकी है। वहीं हसनपुर में सर्वसम्मति से महिला सरपंच चुनने के लिए नाम तय कर लिया गया है तो सभी पंचों के पदों पर भी सर्वसम्मति बन चुकी है।

इसी तरह उचाना खंड के गांव दरोली में पहली बार सर्वसम्मति से सरपंच बनाने को लेकर पंचायत में सहमति हुई है। आरक्षित सरपंच पद को लेकर सुमन के नाम पर सहमति बनी। वहीं गांव हैबतपुर ने भी सरपंच के तौर पर रिषिपाल व पंचों को चुन लिया है। अब उचाना खुर्द गांव के ग्रामीणों ने 70 साल के बाद सरपंच के नाम पर सर्वसम्मति से सहमति बनाई। 1952 गांव में बूंटा सिंह सर्वसम्मति से सरपंच चुना गया था।

गोसाई खेड़ा में भी सरपंच पद को लेकर बनी सहमति

गोसाई खेड़ा गांव में सर्वसम्मति से सरपंच का फैसला हो गया। ग्रामीणों ने कहा कि नेहर परिवार व पंडित परिवार के लोग कभी सरपंच नहीं बने। इसलिए इन परिवारों को इस बार सरपंच का पद देना है। बाद में दोनों परिवार के नाम लिखकर पर्ची डाली गई। इसमें नेहरा परिवार का भाग्य पंडित परिवार के भाग्य से तेज निकला। नेहरा परिवार से अमित कुमार का नाम फाइनल किया गया। अब सरपंच के लिए गांव में केवल अमित कुमार ही नामांकन करेगा।

कौलेखां गांव ने पांचवीं बार सर्वसम्मति से सरपंच चुुना

कैथल जिले के कलायत क्षेत्र के गांव कौलेखां ने पांचवीं बार सर्वसम्मति से सरपंच चुना है। ग्रामीणों ने बैठक कर सर्वसम्मति से डा. सज्जन कुमार को सरपंच चुन लिया है। इससे पूर्व भी ग्रामीण लगातार चार चुनावों से सर्वसम्मति से सरपंच चुनते आ रहे हैं। इसके साथ ही ग्रामीण गांव के पंचों को भी सर्वसम्मति से बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों ने जिला परिषद के चुनाव में पूर्व कलायत अनाज मंडी प्रधान बिजेंद्र सहारण को गांव की तरफ से प्रत्याशी घोषित किया है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि गांव में आपसी भाईचारा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में विजय नंबरदार, 2004 में रामचंद्र, 2009 में चंद्रहंस, 2014 में कर्मबीर को सर्वसम्मति से सरपंच का ताज सौंप था। इसके बाद चार योजनाओं से गांव में पंचायत कर सर्वसम्मति से सरपंच चुन रहे हैं।

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