पंजाब में बिजली की मांग 14000 मेगावाट से हुई पार

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पिछले साल की तुलना में लगभग 3000 मेगावाट की हुई बढ़ौतरी

पिछले साल की तुलना में लगभग 3000 मेगावाट की हुई बढ़ौतरी

जालंधर (सच कहूँ न्यूज)। प्रदेश में कृषि क्षेत्र को आठ घंटे बिजली आपूर्ति (Power Supply) के तीसरे चरण की शुरुआत के साथ ही सोमवार को राज्य में बिजली की मांग 14000 मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई। दोपहर तीन बजे बिजली की मांग 14182 मेगावाट पर पहुंच गई। Punjab News

आॅल इंडिया पावर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने बताया कि पीएसपीसीएल उत्तरी ग्रिड से 8500 मेगावॉट से ज्यादा बिजली ले रहा था जबकि इसका खुद का सकल उत्पादन करीब 5600 मेगावॉट है। इसमें 1150 मेगावाट का राज्य क्षेत्र का अपना थर्मल उत्पादन, हाइड्रो उत्पादन 800 मेगावाट, निजी जनरेटर 3200 मेगावाट शामिल थे। उन्होने बताया कि राज्य क्षेत्र में उपलब्ध सभी सात तापीय इकाइयां थोड़े कम लोड पर चल रही हैं। तकनीकी खराबी के कारण गोइंदवाल (जीवीके) ताप संयत्र की एक इकाई खराब हो गई है। Punjab News

गुप्ता ने बताया कि पिछले साल इन दिनों बिजली की मांग 11025 से 11347 मेगावाट के बीच थी। राज्य में अधिकतम बिजली की मांग में पिछले साल की तुलना में लगभग 3000 मेगावाट की वृद्धि हुई है। धान की फसल के लिए बिजली आपूर्ति का अंतिम चरण 21 जून से शुरु होगा और उसके बाद अधिकतम बिजली की मांग जून अंत तक 15500 मेगावाट को पार कर जाएगी। रविवार को अधिकतम बिजली की मांग 11997 मेगावाट और पीएसपीसीएल ने 2446 लाख यूनिट की आपूर्ति की। यहां तक कि पीएसपीसीएल ने एक्सचेंज के जरिए 16.8 लाख यूनिट्स की बिक्री की।

लहरा मोहब्बत और रोपड़ थर्मल प्लांट में कोयले का स्टॉक क्रमश: 44 और 27 दिनों के लिए है। निजी क्षेत्र के थर्मल प्लांट राजपुरा में कोयले का स्टॉक 34 दिन, तलवंडी साबो में 6.5 दिन और जीवीके में केवल 2.6 दिन है। पिछले वर्ष के स्तर की तुलना में हाइड्रो प्लांट जलाशय में जल स्तर बेहतर स्थिति में है। भाखड़ा जलाशय में जल स्तर 1577 फीट है जो पिछले वर्ष के इसी दिन के 1567.5 फीट के स्तर से 19.5 फीट अधिक है। रंजीत सागर में जल स्तर 511.97 है जो पिछले वर्ष के 505.2 मीटर के स्तर से 6.7 मीटर अधिक है। Punjab News

पिछले साल 29 जून को पंजाब में 14207 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग ने अपने पहले के रिकॉर्ड 14056 मेगावाट को पार कर लिया था। कृषि आपूर्ति का तीसरा और चौथा चरण क्रमश: 19 और 21 जून से शुरु होगा। आम तौर पर अधिकतम मांग और आपूर्ति जून के आखिरी दिनों में आती है, जब इसके 15000 मेगावाट को पार करने की उम्मीद की जाती है। Punjab News

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