RBI MPC June 2023: दो हजार की नोटबंदी के बाद, आरबीआई ने दिया बड़ा तोहफा

RBI MPC June 2023
RBI MPC June 2023 दो हजार की नोटबंदी के बाद, आरबीआई ने दिया बड़ा तोहफा

मुंबई (एजेंसी)। RBI MPC June 2023 अलनीनो के प्रभाव से मानूसन के प्रभावित होने के जोखिम पर नजर लगाते हुये महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने आज नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया, जिससे आम लोगों के घर, कार और अन्य प्रकार के ऋणों की किस्तों में बढोतरी नहीं होगी। समिति ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है। Repo Rate

चालू वित्त वर्ष में समिति की पहली तीन दिवसीय बैठक के बाद आज जारी बयान में यह घोषणा की गयी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह घोषणा करते हुये कहा कि पिछले वर्ष मई से अब तक रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की बढोतरी की जा चुकी है। फिलहाल इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है लेकिन नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने के बीच समिति ने समयोजन वाले रूख से पीछे हटने का निर्णय लिया है। Monetary Policy

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नीतिगत दरें यथावत, किस्तों में नहीं होगी वृद्धि | RBI MPC June 2023

समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढोतरी नहीं होगी। रेपो दर 6.5 प्रतिशत, स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत, वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत है।

दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर के 7.2 प्रतिशत पर रहना भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र की वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के बीच सशक्त और मजबूत होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती है। RBI MPC June 2023

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पूरा ध्यान महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में लाने का है। हालांकि चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रह सकती है। पहली तिमाही में यह 4.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि मई 2022 से नीतिगत दरों में की गयी 2.5 प्रतिशत की बढोतरी का इच्छित परिणाम मिल रहा है। समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर रखने का निर्णय लिया है। दास ने कहा कि यह निर्णय खुदरा महंगाई को रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के दायरे में रखने के लक्ष्य के अनुरूप लिया गया है। यह निर्णय विकास को गति देने का काम करेगा। RBI MPC June 2023

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक महंगाई और विकास पर करीबी नजर रखे हुये है। खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उथल-पुथल एवं भूराजनैतिक स्थिति के कारण आयातित महंगाई बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। यदि अलनीनो से मानसून प्रभावित नहीं होता है तो चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.1 प्रतिशत पर रह सकती है।

मौद्रिक नीति की मुख्य बातें | RBI MPC June 2023

  • भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में लिए गये निर्णयों की मुख्य बातें इस प्रकार है:
  • रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर यथावत
  • स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत पर स्थिर
  • मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत पर यथावत
  • बैंक दर 6.75 प्रतिशत स्थिर
  • फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत बरकरार
  •  नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत पर
  • वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत
  • चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया
  •  पहली तिमाही में जीडीपी 8 प्रतिशत रह सकता है
  • दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.0 प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती
  •  मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.2 प्रतिशत रही
  • चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
  • पहली तिमाही में खुदरा महंगाई 4.6 प्रतिशत पर
  • दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत पर
  • तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.4 प्रतिशत पर
  • चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत रह सकती
  •  मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 8 से 10 अगस्त 2023 को