रोडवेज कर्मचारी व सरकार आमने-सामने

Roadways Employees And Government Face-To-Face

कर्मियों पर कार्रवाई: अनेक गिरफ्तार, निलम्बित और बर्खास्त

भिवानी (सच कहूँ)।

राज्य परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन भिवानी में जहां एक ओर कर्मचारी नारेबाजी करते रहे, वही दूसरी ओर बसें चलती रही। सुबह तय रूटों पर बसें रवाना की गई। भले ही रोड़वेज कर्मचारियों की हड़ताल का कई जिलों में व्यापक असर देखने को मिल रहा हो, मगर भिवानी में इसका असर ना के बराबर है। भिवानी में एसडीएम एवं रोड़वेज महाप्रबंधक सतीश कुमार की अगुवाई में बसों का परिचालन देखा गया। वहीं कर्मचारी नारेबाजी करते रहे। दूसरी ओर रोड़वेज जीएम एवं भिवानी के एसडीएम सतीश कुमार सैनी का कहना था कि मंगलवार भी बसें सुचारू रूप से चली थी व बुधवार को भी उनका परिचालन सुचारू करवाया जा रहा है। उनका कहना था कि एस्मा के तहत कर्मचारियों की ड्यूटियां तय की गई है व छुट्टियां रद्द की गई हैं। इस बीच दो कर्मचारियों के निष्कासन एवं आधा दर्जन का अनुबंध रद्द किए जाने के अलावा एस्मा के तहत कार्रवाई किए जाने की पुष्टि भी उन्होंने की।

बसों के संचालन पर भिड़ते रहे कर्मचारी: रोहतक में कर्मचारियों ने सुबह पहली बस नहीं निकलने दी। पूरे दिन में 22 बसें ही डिपो से निकल पाईं। सरसा में 179 में से 27 बसें चली तो यमुनानगर की 160 में से केवल पांच बसें ही बस अड्डे से निकलीं। हिसार में सुबह सवा घंटे की देरी से पहली बस निकली, लेकिन बीच रास्ते में चालक-परिचालक बस को छोड़कर चलते बने। पानीपत में रोडवेज बेड़े की 140 में से 120 और जींद में 172 बसें डिपो में ही खड़ी रहीं। कैथल में 20 और अंबाला व कुरुक्षेत्र में 30-30 बसें गंतव्य की ओर रवाना हुई। हालांकि झज्जर में हड़ताल का असर बेहद कम रहा और ज्यादातर बसें निर्धारित रूटों पर चली।

सरकार हठधर्मिता व टकराव की नीति बनाकर निजीकरण की आड़ में बड़ा घोटाला कर रही है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला कैथल में तालमेल कमेटी लेगी, लेकिन सरकार को झुकाने के लिए हड़ताल जारी रखनी चाहिए। बता दें कि प्रदेश सरकार ने रोड़वेज के बेड़े में 720 निजी बसों को प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करने पर शामिल करने का निर्णय लिया है। सरकार पहले इन बसों को 16-17 रूपये प्रति किलोमीटर के भुगतान पर ला रही थी और अब 35 से 42 रूपये प्रति किलोमीटर भुगतान करेगी। एक बस रोजाना 300 किलोमीटर चलेगी और उसे रोजाना सरकार पांच हजार रूपये के हिसाब से सालाना करीब 20 लाख रूपये ज्यादा भुगतान कर विभाग को घाटे में लाएगी।
बलदेव घणघस, प्रदेश अध्यक्ष, रोड़वेज यूनियन एटक।

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