इस दीवाली बंद करें तोहफों की अदला-बदली : दीपा शर्मा

गरीब-जरूरतमंदों की मदद को आगे बढ़ाएं हाथ

चंडीगढ़। क्यों न इस बार की दीवाली पर एक नया विचार करे। दोस्तों को मिलें तो बिना गिफ्ट के मिलें। ये भी क्या परम्पराएं हम शुरू कर बैठे कि तुम मेरे यहां आना तो गिफ्ट लेते आना और फिर मैं तेरे यहाँ जाऊंगा तो गिफ्ट लेता जाऊंगा। बड़ी-बड़ी कंपनियां चांदी काट रही है और मध्यम वर्ग डिब्बों के रेट उलट-पलट रहा है कि किस दोस्त को क्या देना है, कौन सा रिश्तेदार कितनी हैसियत का है। कोई दोस्त महंगा गिफ्ट देता है तो उसको गिफ्ट भी महंगा ही वापिस करना होगा और कोई हल्का दोस्त हो तो गिफ्ट भी हल्का दे देता और कभी-कभी तो पिछले वर्षों के गिफ्ट ही दे देते हैं। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, टी.वी और सभी तरह की मीडिया आपको ये बताने पर लगा है कि कितना-कितना सामान कहां-कहां बेचा जा रहा है।

ये खबरें नहीं हैं, दोस्तों ये आपका दिमाग घुमाने की साजिश है ताकि आपको लगे कि सारी दुनिया लगी है सामान खरीदने में और आप रह गए पीछे। इस साल इस विचार पर काम करे, दीवाली को दीवाला न बनाएं। क्योंकि लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण जनता के पास आज खाने के भी लाले पड़ रहे हैं। दिन पर दिन रसोई का सामान, डीजल/पेट्रोल के रेट बढ़ रहे हैं। कोई किसी की सुनता नहीं, सरकार कानों में रुई लगाकर बैठी है। गरीब जनता पिस रही है। मध्यम वर्गीय लोग फिर भी जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं, लेकिन उन लोगों का क्या, जो फटेहाल जीवन जी रहे हैं। रहने को घर नहीं, खाने को अन्न नहीं, शरीर पर कोई कपड़ा नहीं। ऐसे लोगों का भी हम सभी को सोचना चाहिए। इस पहल में आप हमारा सहयोग करेंगे तो देश में हम गरीब जनता के लिए कुछ कर पाएंगे।

इस साल प्रेम-प्यार से त्यौहार को सेलिब्रेट करे

मेरा ये एक सुझाव है कि आप सभी प्रबुद्ध जन कुछ छोटे-छोटे गिफ्ट्स जैसे बिस्कुट, लड्डू, फ्रूटी, मोमबती, कपड़े/गर्म कपड़े, कम्बल इत्यादि उन गरीब बच्चों में बांटे, जो आपको आते-जाते टुकर-टुकर देखते रहते हैं। यही सच्ची दिवाली होगी। मेरे जैसे सामान्य इंसान की ये राय है कि अगर आपको अच्छी लगे तो। तो आइए इस समाज को बदलने में एकजुट हों।

                                                       -समाज सेविका एवम हरियाणा प्रदेश कांग्रेस महासचिव दीपा शर्मा

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