Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके, लोगों में दहशत

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Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके, लोगों में दहशत

Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इससे कुछ दिन पहले भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए हुए थे। हालिया आंकड़ों की मानें तो बीते चार दिनों में दूसरी बार धरती हिली है। उधर दिल्ली के अलावा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भी महसूस किए गए हैं भूकंप के तेज झटके। 4 बजकर 18 मिनट पर भूकंप आया है।

दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शुक्रवार रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार देर रात 23 बजकर 32 मिनट 54 सैंकेड पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6़ 4 मापी गयी। भूकंप का केन्द्र नेपाल में 28.84 अक्षांश और 82.19 देशांतर पर जमीनी सतह से 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। भूकंप के झटके उत्तर भारत में हरियाणा , उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में भी कई जगह पर महसूस किए गए। भूकंप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आये। भूकंप से अब तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नही है।

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में 250 से ज्यादा लोग हताहत

पश्चिमी नेपाल में शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद 250 से ज्यादा लोगों के हताहत होने की पुष्टि हुई है। काठमांडू पोस्ट ने जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार नेपाल में भूकंप के तेज झटके कल रात 11 बजकर 47 मिनट पर महसूस किए गए। जिसका केंद्र जजरकोट जिला था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गयी

भूकंप के दौरान ऐसा करने से बचें | Earthquake

  • भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
  • बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  • कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं।
  • अगर गाड़ी या कोई भी वाहन चला रहे हो तो उसे फौरन रोक दें।
  • वाहन चला रहे हैं तो पुल से दूर सड़क के किनारे गाड़ी रोक लें।
  • भूकंप आने पर तुरंत सुरक्षित और खुले मैदान में जाएं।
  • भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे आदि ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं।

क्या होता है रिक्टर स्केल | Earthquake

भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।

भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्‍या हो सकता है असर | Earthquake

  • 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
  • 2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
  • 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
  • 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
  • 5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
  • 7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
  • 8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
  • 9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं।
  • अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।