किताबों के लिए धरना, प्राचार्य बोले, पर्याप्त है किताबें

राजकीय एनएमपीजी कॉलेज में एसएफआई के बैनर तले छात्र-छात्राओं का बेमियादी धरना शुरू

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। भूगोल विषय के तय किए गए भारी शुल्क को कम करने और खाली पड़े व्याख्याताओं के पदों को भरने सहित 9 सूत्री मांगों का समाधान करवाने के लिए स्टूडेंट फेडरेशन आॅफ इंडिया के बैनर तले छात्र-छात्राओं ने गुरुवार को टाउन के राजकीय नेहरू मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में बेमियादी धरना शुरू कर दिया। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा व यश चिलाना की अगुवाई में धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मांगें न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। मांगों के संबंध में प्राचार्य को ज्ञापन भी सौंपा गया। इस मौके पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा ने कहा कि मनमाने तरीके से भूगोल विषय के शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर छात्र-छात्राओं को लूटा जा रहा है। कॉलेज में व्याख्याताओं की कमी है। साफ-सफाई का अभाव है। राज्य सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल तो शुरू कर दिए लेकिन जिले के सबसे बड़े राजकीय कॉलेज में खेल सामग्री नहीं है। लाइब्रेरी में पुस्तकें नहीं हैं। नौ सूत्री मांगों को लेकर बेमियादी धरना शुरू किया गया है। छात्र-छात्राओं की जेब पर किया गया हमला एसएफआई बर्दाश्त नहीं करेगी।

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जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक धरना जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल भी की जाएगी। यश चिलाना ने कहा कि राजकीय नेहरू मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इस सत्र से स्ववित्त पोषण योजना के तहत शुरू हुए भूगोल विषय के शुल्क में कॉलेज प्रशासन की ओर से मनमाने तरीके से भारी बढ़ोतरी कर दी गई है। भूगोल विषय की फीस 3500 रुपए रखी गई है। छात्रसंघ पदाधिकारियों के साथ कोई बैठक किए बगैर मनमाने तरीके से भारी शुल्क तय किया गया है। कॉलेज प्रशासन की ओर से जरूरतमंद परिवारों की जेब काटने का काम किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि भूगोल विषय की फीस कम की जाए। व्याख्याताओं के खाली पड़े पदों को भरा जाए। पुस्तकालय में हिंदी-अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएं। कॉलेज प्रांगण में शहीद भगतसिंह की प्रतिमा स्थापित की जाए। छात्रावास का निर्माण करवाया जाए। कॉलेज का पूर्ण रूप से सरकारीकरण हो। पिछले साल की बकाया छात्रवृत्ति जारी की जाए। पंजाबी विषय शुरू किया जाए। छात्रसंघ कार्यालय की व्यवस्था की जाए। खेल ग्राउंड की दशा सुधारी जाए। इस मौके पर छात्रसंघ उपाध्यक्ष योगिता मेघवाल, संयुक्त सचिव कुलदीप कुमार सहित कॉलेज के कई अन्य छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

क्या बोले कॉलेज प्राचार्य

कॉलेज प्राचार्य डॉ. नरेन्द्रसिंह भाम्भू ने बताया कि भूगोल विषय बड़ी मेहनत के बाद सेल्फ फाइनेंस स्कीम (एसएफएस) में शुरू करवाया गया है। करीब दस साल तक प्रयत्न किए गए। अब सरकार ने एसएफएस में मान्यता दी है। राजकीय में नहीं बल्कि एसएफएस में खुलने से भूगोल विषय की फीस अधिक है। इसमें टीचर रखने का खर्चा, लैब सहायक का खर्चा, चतुर्थ श्रेणी का खर्चा व संसाधनों सहित अन्य खर्चे महाविद्यालय की ओर से स्वयं वहन किए जाते हैं। इसलिए न्यूनतम फीस 3500 रुपए निर्धारित की गई। आयुक्तालय से इसकी मंजूरी मिली है। प्राचार्य ने कहा कि लाइब्रेरी में किताबें आवश्यकतानुसार उपलब्ध हैं। करीब 45 हजार किताबें हैं। प्रक्रिया के तहत इस साल भी पुस्तकें मंगवाई जाएंगी। खेल सामग्री भी पर्याप्त है।

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